पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों ने किया उपवास
कहा, सुप्रीम कोर्ट के टीईटी से जुड़े निर्णयों से शिक्षकों में काफी तनाव
लखनऊ। शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को देश भर में शिक्षकों व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन के लिए उपवास किया। । साथ ही हाल ही में शिक्षकों के लिए टीईटी से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अपना डर भी जताया है।
एनएमओपीएस के आह्वान पर पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण की समाप्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में उपवास कर केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।
लखनऊ में आयोजित उपवास में बंधु ने कहा कि एक तरफ सरकार शिक्षक व कर्मचारियों को पेंशन देने को तैयार नहीं है। फिर उसका सम्मान झूठा है। अर्द्धसैनिक बल को पेंशन विहीन रहना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के टेट के निर्णय से शिक्षक तनाव में हैं।
चिकित्सा व स्वास्थ्य महासंघ के महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण के खिलाफ लड़ाई जारी है। 25 नवंबर को दिल्ली में होने वाली रैली में सभी स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल होंगे। उपवास में नीलमणि राव, नरेंद्र कुमार, डॉ. नीरजपति त्रिपाठी, डॉ. कमल उसरी, राकेश वर्मा, डॉ. राजेश कुमार, विक्रमादित्य मौर्य आदि शामिल थे।
पुरानी पेंशन के लिए शिक्षक दिवस पर करेंगे उपवास
लखनऊ। एनएमओपीएस के आह्वान पर शिक्षक दिवस पर पूरे देश का शिक्षक व कर्मचारी सरकार से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेगा। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि पूरे देश का शिक्षक 5 सितंबर को पुरानी पेंशन की बहाली के लिए उपवास करेगा।
सरकार से देश का शिक्षक व कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है। किंतु सरकार पुरानी पेंशन बहाल न कर यूपीएस का झुनझुना थमा दिया है। शिक्षकों को मजबूर होकर उपवास करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार शिक्षक की बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन बहाल करे। संगठन के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि सरकार हठधर्मिता छोड़ पुरानी पेंशन बहाल करे।
संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि उपवास कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे देश में संवाद व बैठकें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि देश का अर्द्धसैनिक बल हो या फिर सफाई कर्मचारी या फिर अधिकारी, सभी चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द पुरानी पेंशन बहाल करे। क्योंकि एनपीएस में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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