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Monday, November 10, 2025

योग्यता और सुविधाओं के मानक पर खरे नहीं उतरे अनुदानित मदरसे, मदरसा नियमावली-2016 के मानकों पर शुरू हुई थी जांच

योग्यता और सुविधाओं के मानक पर खरे नहीं उतरे अनुदानित मदरसे, मदरसा नियमावली-2016 के मानकों पर शुरू हुई थी जांच

प्रधानाचार्य सहित कई शिक्षकों की अपूर्ण मिली शैक्षिक योग्यता, 35 से ज्यादा अनुदानित मदरसों को नोटिस, 


लखनऊ। मदरसा नियमावली-2016 के मानकों पर कई अनुदानित मदरसे खरे नहीं उतरे हैं। जांच में कई जिलों के मदरसों में प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की योग्यता अपूर्ण पाई गई है। मदरसा बोर्ड ने ऐसे 35 से ज्यादा मदरसों को नोटिस जारी किया है। प्रदेश में 558 अनुदानित मदरसे हैं। इनमें आधारभूत सुविधाओं, छात्र-शिक्षक अनुपात, भवन, शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों की योग्यता की जांच आदि के लिए एक दिसंबर 2023 को जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे।


जिलों से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मदरसा बोर्ड ने मानक पूरा न करने वाले मदरसों और शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू की है। बोर्ड की रजिस्ट्रार अंजना सिरोही ने देवरिया, आजमगढ़, मिर्जापुर, गाजीपुर आदि जिलों के 35 से ज्यादा मदरसों को नोटिस भेज कर उन्हें दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष रखने के आदेश दिए गए हैं। 


यहां मिलीं गड़बड़ियां 
गाजीपुर के मदरसा चश्मये रहमत ओरियंटल कॉलेज के प्रधानाचार्य व सात शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता अपूर्ण पाई गई। ऐसे ही मदरसा बुखारिया फरीदिया फखनपुर में 3 शिक्षक, दारुल उलूम कादरिया दाएरा शाह अहमद के प्रधानाचार्य व एक शिक्षक, मदरसा दारुल उलम अहले सुन्नत गौसिया मस्तान बाग बारा के प्रधानाचार्य व 3 शिक्षक और मदरसा जामिया करीमिया करीमपुरा के प्रधानाचार्य, छह शिक्षक व एक लिपिक की शैक्षिक योग्यता अपूर्ण पाई गई है। मिर्जापुर के मदरसा गौसिया इस्लामिया बेगपुर में शिक्षक-छात्र अनुपात मानक के विपरीत मिले। साथ ही मदरसे के प्रधानाचार्य, 4 शिक्षक व एक लिपिक शैक्षिक रूप से अयोग्य पाए गए हैं।


शिक्षक संगठनों ने जांच व कार्रवाई पर उठाए सवाल
ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महासचिव वहीदउल्लाह खान सईदी ने रजिस्ट्रार को पत्र भेज कर मदरसा नियमावली-2016 के मानक से कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जितने भी मदरसों को पत्र भेज कर शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता को अपूर्ण बताया गया है उनमें से ज्यादातर शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली-1987 के मानकों पर हुई है। लिहाजा उनकी शैक्षिक योग्यता की जांच तत्कालीन नियमावली से की जाए। 

मदरसा बोर्ड के पूर्व सदस्य हाजी दीवान साहेब जमां ने कहा कि सभी अनुदानित मदरसे मान्यता एवं सेवा नियमावली-1987 के मानकों पर हैं। वर्ष 2015 के बाद कोई भी मदरसा अनुदान सूची पर नहीं लिया गया है। ऐसे में नियमावली 2016 के अनुसार जांच अन्याय है।


 जांच में कई मदरसों में अलग-अलग कमियां पाई गई हैं। परीक्षण के बाद ही स्पष्ट संख्या पता चलेगी। जांच रिपोर्ट के हिसाब से मदरसों को नोटिस भेजकर उनको अपना पक्ष रखने के लिए तय तिथि पर बोर्ड कार्यालय में बुलाया गया था। फिलहाल उच्च न्यायालय से संबंधित केस की अधिकता से सभी मदरसों की सुनवाई की तय तिथि को निरस्त कर दिया गया है। – अंजना सिरोही, रजिस्ट्रार, मदरसा बोर्ड


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