माध्यमिक विद्यालयों में रोज होगा कॅरिअर काउंसलिंग सत्र, विभाग ने भेजा निर्देश, वार्षिक गतिविधि कैलेंडर में भी किया जाएगा शामिल
लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सभी माध्यमिक विद्यालयों में नियमित कॅरिअर काउंसलिंग सत्र आयोजित किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
माध्यमिक विद्यालयों में अभी करियर काउंसलिंग का सत्र विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा के दौरान आयोजित किया जाता है। किंतु अब इसे नियमित करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि छात्रों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार सही करियर चुनने में सहायता मिल सके। सभी विद्यालयों को प्रभावी तरीके से काउंसलिंग सत्र आयोजित करने के लिए कहा गया है।
विभाग का कहना है कि स्कूल स्तर से कॅरिअर की सही जानकारी मिलने पर छात्र भ्रम और अनिश्चितता से मुक्त होंगे। साथ ही सही दिशा में आगे बढ़ेंगे, इससे उनको अपना लक्ष्य पाने में आसानी होगी। विभाग ने कहा है कि विद्यालय विशेषज्ञों और पेशेवर काउंसलर को बुलाकर या आनलाइन संवाद कराए।
इसको वार्षिक कैलेंडर में भी शामिल किया जाए। इसमें छात्रों को प्रतियोगी विकल्पों, परीक्षाओं, कॅरिअर तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए। इससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, निर्णय लेने क्षमता और भविष्य की तैयारी का भी विकास होगा। करियर को लेकर स्थिति स्पष्ट होने से छात्र व उनके अभिभावक भी आवश्यकतानुसार तैयारी कर सकेंगे।
छात्रों के लिए भविष्य की राह चुनना होगा आसान, राजकीय और सहायताप्राप्त माध्यमिक स्कूलों में नियमित करियर काउंसिलिंग का निर्देश
विशेषज्ञ और पेशेवर काउंसलर्स विद्यार्थियों को देंगे करियर विकल्पों की जानकारी
लखनऊ : प्रदेश के राजकीय और सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अब विद्यार्थियों के लिए भविष्य की राह चुनना आसान होगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए सभी राजकीय और सहायताप्राप्त विद्यालयों में नियमित करियर काउंसिलिंग सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया है। विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों में आवश्यक दिशा-निर्देश भेजे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूली स्तर से करियर मार्गदर्शन मिलने पर छात्र भ्रम और अनिश्चितता से मुक्त होकर लक्ष्य की ओर स्पष्ट दिशा में आगे बढ़ेंगे, जिससे शिक्षा व्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।
विभागीय निर्देशों में कहा गया है कि विद्यालय स्तर पर विशेषज्ञों और पेशेवर काउंसलर्स को बुलाकर या आनलाइन माध्यम से छात्रों के साथ संवाद कराया जाए। इन सत्रों में छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, करियर विकल्पों, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा, तथा कौशल विकास के अवसरों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसका उद्देश्य छात्रों को उनकी रुचि, योग्यता और क्षमताओं के अनुरूप सही दिशा चुनने में मार्गदर्शन प्रदान करना है।
अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अभी सभी माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और भविष्य की तैयारी की योजना का भी विकास होना चाहिए। उन्होंने सभी विद्यालयों को निर्देश दिया है कि करियर काउंसिलिंग को विद्यालयी गतिविधियों का नियमित हिस्सा बनाया जाए और इसे वार्षिक कार्यक्रम कैलेंडर में शामिल किया जाए।
विभाग का मानना है कि इस पहल से छात्रों को न केवल भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने में मदद मिलेगी, बल्कि वे पसंद के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
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