Fee Refund Policy by the UGC : फीस वापसी नियम का पालन न करने पर कॉलेजों की मान्यता रद्द होगी : यूजीसी
राज्यों के मुख्य सचिवों और विश्वविद्यालयों को लिखा पत्र
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नई दिल्ली। छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत की खबर है। अगर कोई छात्र छात्र किसी भी कारण से दाखिला लेने के बाद कालेज छोड़ता है तो कॉलेज प्रबंधन को उसकी फीस वापस करनी अनिवार्य है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है।
इसमें कहा गया कि कोई उच्च शिक्षण संस्थान किसी छात्र की फीस और उसके अकादमिक सर्टिफिकेट को नहीं रख सकता है। नियम न मानने पर मान्यता रदद, सभी प्रकार की ग्रांट रोकने, किसी प्रोग्राम में एक साल या उससे अधिक समय तक दाखिले पर रोक, जुर्माना से लेकर राज्य सरकारों के संस्थानों के खिलाफ स्टेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने इस संबंध में सभी राज्य सरकारों और विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि यूजीसी के बार-बार निर्देशों के बाद कई शिक्षण संस्थान छात्र के कॉलेज छोड़ने पर फीस वापस नहीं कर रहे हैं।
इसके अलावा दाखिले के बाद मूल सर्टिफिकेट तक वापस नहीं किए जा रहे हैं। राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे अपने उच्च शिक्षण संस्थानों में फीस वापसी के नियमों को लागू करवाएं।
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