DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, November 19, 2025

जाली दस्तावेज पर मिली नौकरी कई साल की सेवा के बाद भी मानी जाएगी शून्य – हाईकोर्ट

जाली दस्तावेज पर मिली नौकरी कई साल की सेवा के बाद भी मानी जाएगी शून्य – हाईकोर्ट

मुरादाबाद निवासी ने निलंबन और वेतन रोकने के आदेश को दी थी चुनौती

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जाली दस्तावेज के आधार पर मिली नौकरी कई साल की सेवा के बाद भी शून्य मानी जाएगी। धोखाधड़ी हर दूषित कर देती है और गलत तरीके से प्राप्त नियुक्ति को लंबी सेवा भी वैध नहीं बना सकती। इस टिप्पणी संग न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकल पीठ ने दीपा मैगलीना की जाली दस्तावेज के आधार पर निलंबन और वेतन रोकने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। 


मुरादाबाद के सेंट जोसेफ गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल में दीपा की 1991 में नियुक्ति हुई थी। स्कूल को 2015 में अनुदान प्राप्त स्कूलों की सूची में शामिल कर दिया गया। इसके बाद याची सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति प्राप्त की।

इस दौरान एक शिकायत पर जांच की गई और फजी टीईटी प्रमाणपत्र पाए जाने के आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया और वेतन रोक दिया। इस फैसले को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची अधिवक्ता ने दलील दी कि उनकी नियुक्ति 1991 में हुई थी। 2015 में अनुदान सूची में शामिल होने के बाद उनकी नियुक्ति को नियमित किया गया था। यह एक अल्पसंख्यक संस्थान है। इसलिए उन्हें टीईटी की आवश्यकता से छूट प्राप्त है।

राज्य के वकीलों ने दलील दी कि याची ने 2015 के विज्ञापन के तहत  आवेदन किया था, जिसमें टीईटी योग्यता अनिवार्य थी। नियुक्ति के समय याची ने जो टीईटी प्रमाण पत्र जमा किया था, उसमें उसने 91 अंक बताए थे। बोर्ड से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार याची ने केवल 63 अंक प्राप्त किए थे। इस प्रकार याची है ने जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की।

No comments:
Write comments