डीएलएड अभ्यर्थियों को एक और मौका, परीक्षा पोर्टल जल्द खुलेगा
जो पूर्व में परीक्षा से किए गए थे वंचित उन्हें राहत, हाईकोर्ट ने उम्मीद जताई नहीं झेलना होगा उत्पीड़न
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को डीएलएड परीक्षा पोर्टल खोलने का निर्देश दिया है। साथ ही उम्मीद जताई है कि याची अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की और परेशानी या उत्पीड़न नहीं झेलना पड़ेगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने शीतल की अवमानना याचिका पर उनके अधिवक्ता कौन्तेय सिंह, स्थायी अधिवक्ताको सुनकर दिया है। यह आदेश उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के संबंध में है, जिन्हें पूर्व में परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित किया गया था।
अधिवक्ता कौन्तेय सिंह के अनुसार कोर्ट ने साक्षी एवं 77 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था कि ऐसे सभी छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित होने का एक और मौका दिया जाए। राज्य सरकार की ओर से अनुपालन हलफनामा दाखिल किया गया लेकिन आदेश का पूर्ण अनुपालन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि पोर्टल खोला ही नहीं गया है। स्थायी अधिवक्ता ने बताया कि पोर्टल शीघ्र तीन से चार दिन में खोला जाएगा। कोर्ट ने उम्मीद जताई कियाची अभ्यर्थियों को कोई परेशानी या उत्पीड़न नहीं झेलना पड़ेगा। अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।
हाईकोर्ट के आदेश पर अतिरिक्त अवसर की मांग को लेकर याचिका करने वाले अभ्यर्थियों का डीएलएड परीक्षा कार्यक्रम जारी
20 और 21 नवंबर को प्रथम से चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होगी
तीन नवम्बर को होगी अवमानना याचिका पर सुनवाई
18 अक्टूबर 2025
प्रयागराज । डीएलएड की सेमेस्टर परीक्षा में अतिरिक्त अवसर की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका करने वाले अभ्यर्थियों का परीक्षा कार्यक्रम जारी हो गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर एससीईआरटी निदेशक गणेश कुमार ने 17 अक्तूबर को परीक्षा कार्यक्रम जारी करते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को सूचित किया है।
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा 20 नवंबर को क्रमशः सुबह 10 से 12 और दो से चार बजे तक कराई जाएगी, जबकि तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा 21 नवंबर को क्रमशः सुबह 10 से 12 बजे और दो से चार बजे तक होगी। यह परीक्षा कार्यक्रम प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील के निर्णय के अधीन होगा।
याचिकाकर्ता सरिता तिवारी के अधिवक्ता कौन्तेय सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान विपक्षी पक्ष की ओर से दाखिल अनुपालन शपथपत्र में आवेदिका को न्यायालय के पूर्व आदेश के अनुसार परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दी गई है।
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