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Tuesday, November 11, 2025

यूपी के शिक्षा संस्थानों में अनिवार्य होगा वंदे मातरम् का गायन, बोले सीएम योगी

यूपी के शिक्षा संस्थानों में अनिवार्य होगा वंदे मातरम् का गायन, बोले सीएम योगी



गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य करने की बात कही है। सोमवार को उन्होंने कहा कि राष्ट्र गीत के प्रति सबके मन में सम्मान का भाव होना ही चाहिए। इसके लिए वह प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में बंदे मातरम् का गायन अनिवार्य कराएंगे। हर नागरिक के मन में भारत माता के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव जगाएंगे। 

मुख्यमंत्री, सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जन्मतिथि और बंदे मातरम् का 150वां वर्ष शुरू होने के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के लिए आयोजित 'एकता यात्रा' का शुभारंभ कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने देश निर्माण में सरदार पटेल के अवदान को याद किया।


निगम परिसर के रानी लक्ष्मीबाई पार्क में सोमवार को आयोजित 'एकता यात्रा' में मुख्यमंत्री ने भी इसे लेकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। कहा कि जिस राष्ट्र गीत ने आजादी के आंदोलन में भारत की सोई हुई चेतना को जागृत किया, तुष्टीकरण की नीति के चलते कांग्रेस ने सांप्रदायिक बताकर उसमें संशोधन का प्रयास किया। जिस वंदे मातरम् को कांग्रेस के 1896-97 के अधिवेशन में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने स्वर में गाया था, उसका 1923 के अधिवेशन में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद अली जौहर ने विरोध किया। उन्होंने राष्ट्र गीत गाने से इन्कार कर दिया था। वंदे मातरम् का इस प्रकार का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अगर उस समय मौहम्मद अली जौहर को अध्यक्ष पद से बेदखल कर वंदे मातरम् के माध्यम से भारत की राष्ट्रीयता का सम्मान किया होता तो देश का विभाजन नहीं हुआ होता।

मुख्यमंत्री ने संबोधन में सपा को भी निशाने पर रखा। कहा कि कोई भी व्यक्ति, मत या मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता। व्यक्तिगत आस्था यदि राष्ट्र के आड़े आए तो उसे किनारे कर देना चाहिए। कुछ लोगों के लिए आज भी उनका व्यक्तिगत मत और मजहब बड़ा है। इस क्रम में उन्होंने सपा के एक सांसद द्वारा राष्ट्र गीत गाने से इन्कार करने का उल्लेख भी किया।

यौगी ने कहा कि हमारा दायित्व है कि हम उन कारणों को ढूंढे, जो समाज को बांटने वाले हैं। जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर विभाजन नए जिन्ना को पैदा करने की साजिश का हिस्सा है। हमें ध्यान रखना होगा कि भारत के अंदर फिर से कोई जिन्ना न पैदा होने पाए। कोई जिन्ना बनने का साहस करता है तो उसे चुनौती बनने से पहले ही दफन कर देना होगा। समाज को बांटने वाले वही लोग हैं, जो पटेल की जयंती में शामिल नहीं होते, लेकिन जिन्ना के सम्मान के लिए शर्मनाक तरीके से आगे आ जाते हैं।


निर्णय पर अखिलेश ने उठाए सवाल
लखनऊः सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्कूल-कालेजों में वंदे मातरम अनिवार्य किए जाने पर सवाल उठाए हैं।? उन्होंने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में वार्ता में कहा कि, 'ये बहस जो आज हम कर रहे है, क्या उस समय जो संविधान के निर्माता थे, उन्होंने नहीं की? इसलिए राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत दिया। अगर यही होता कि इसे गाना जरूरी है तो तब इसे अनिवार्य क्यों नहीं किया गया? उन्होंने विकल्प छोड़ दिया था।


'वंदे मातरम्' न गाएं मुस्लिम बच्चे, स्कूल से निकल जाएं: कासमी
मुंबई  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 'वंदे मातरम्' गाना अनिवार्य करने की घोषणा पर मुस्लिम समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना हलीम उल्लाह कासमी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल लेना चाहिए, बजाय इसके कि उन्हें राष्ट्रगीत गाने के लिए मजबूर किया जाए।

कासमी ने कहा, हम मुसलमान हैं। इस देश का संविधान हमें अपने धर्म का पालन करने की आजादी देता है। अगर हमारी आस्था के खिलाफ कुछ भी थोपा जाता है, तो हमारा संविधान उसे स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए हम किसी भी हालत में ऐसी चीज को स्वीकार नहीं करेंगे जो हमारे धर्म के खिलाफ हो। हमारा धर्म हमें सिखाता है कि अल्लाह एक है और हम सिर्फ उसी की इबादत करेंगे। किसी और की नहीं। अगर हम इसके अतिरिक्त कुछ करेंगे, तो मुसलमान नहीं रहेंगे। जहां तक देश का सवाल है, मुसलमान राष्ट्र के प्रति सम्मान दिखाने में कभी पीछे नहीं रहे।

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