DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, October 28, 2025

विशेषज्ञ समिति का निर्णय आने तक ऑनलाइन उपस्थिति/पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन पर पूर्व की भांति यथास्थिति बनाए रखने की RSM की मांग

विशेषज्ञ समिति का निर्णय आने तक ऑनलाइन उपस्थिति/पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन पर पूर्व की भांति यथास्थिति बनाए रखने की RSM की मांग
 






डिजिटल अटेंडेंस पर न हो सख्ती,  शिक्षक संघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से की मांग

लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की डिजिटल उपस्थिति लगाने और शिक्षकों की उपस्थिति की चर्चा के बीच इस पर सख्ती न करने की मांग होने लगी है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से यह मांग की है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि डिजिटल उपस्थिति, पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन के संबंध में 16 जुलाई 2024 को तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभाग व शिक्षक संगठनों की बैठक हुई थी। इसमें तत्कालीन अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व महानिदेशक भी उपस्थित थी।


बैठक में शिक्षकों की समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षाविदों, शिक्षक संगठनों के सदस्यों की एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया था। साथ ही इस कमेटी का निर्णय आने तक किसी भी प्रकार की डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया था।

एक्सपर्ट कमेटी का निर्णय आने तक यह व्यवस्था जारी है किंतु कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति व पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन को लेकर सख्ती की जा रही है।

साथ ही अनुपालन न हो पाने की स्थिति में शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा की शिक्षक समस्याओं का समाधान होने व एक्सपर्ट कमेटी का निर्णय आने तक मुख्य सचिव के निर्देशानुसार यथास्थिति बनाए रखने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं। 




ऑनलाइन उपस्थिति और पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन पर फिर छिड़ा विवाद,  शिक्षकों ने मुख्य सचिव के आदेश की अवहेलना बताई


लखनऊ, 19 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति और पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा द्वारा महानिदेशक, स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश को भेजे गए पत्र में इस व्यवस्था को मुख्य सचिव के पूर्व आदेशों के विपरीत बताया गया है।

पत्र में कहा गया है कि दिनांक 16 जुलाई 2024 को लखनऊ में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में शिक्षकों के प्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और तत्कालीन महानिदेशक स्कूल शिक्षा की उपस्थिति में यह निर्णय हुआ था कि शिक्षकों की समस्याओं और सुझावों पर विचार के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की जाएगी। साथ ही यह भी तय किया गया था कि समिति की रिपोर्ट आने तक किसी भी प्रकार की डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था स्थगित रखी जाएगी।

महामंत्री वर्मा ने पत्र में उल्लेख किया है कि उक्त बैठक का कार्यवृत्त जारी हुआ था और मीडिया में इसकी पुष्टि भी की गई थी। इसके बावजूद कुछ जनपदों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति और पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
यहां तक कि अनुपालन न होने की स्थिति में शिक्षकों को नोटिस और कार्यवाही की चेतावनी दी जा रही है, जो उनके अनुसार मुख्य सचिव के आदेशों की खुली अवहेलना है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि जब तक एक्सपर्ट कमेटी का निर्णय नहीं आता, तब तक मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुरूप यथास्थिति बनाए रखी जाए। वर्मा ने मांग की है कि शिक्षकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में तुरंत आवश्यक कार्यवाही की जाए ताकि अनावश्यक दबाव और भ्रम की स्थिति समाप्त हो सके।

इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को भी भेजी गई है। शिक्षक संगठनों ने उम्मीद जताई है कि शासन इस पर जल्द संज्ञान लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा ताकि प्रदेश भर में एक समान और न्यायसंगत व्यवस्था लागू हो सके।



No comments:
Write comments