गलत पेयरिंग ने छुड़वाई दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई, बढ़ सकता है ड्रॉप आउट रेट
डीएम ने भी स्कूलों की पेयरिंग पर मांगी रिपोर्ट
लखनऊ । बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की पेयरिंग में दिव्यांग बच्चों का भी खयाल नहीं रखा। कई स्कूल दो से ढाई किमी दूर पेयर कर दिए। सामान्य बच्चे भी इतनी दूर जाने में परेशान हो रहे हैं, जबकि दिव्यांग बच्चों के लिए इतना दूर जाना मुमकिन ही नहीं है। इससे ड्रॉप आउट रेट भी तेजी से बढ़ने की आशंका है। ऐसी तमाम दिक्कतों पर महानिदेशक की सख्ती के बाद बेसिक शिक्षा विभाग फिर से स्कूलों के भौतिक सत्यापन में जुट गया है। इस बीच डीएम ने भी पेयर किए गए स्कूलों की समीक्षा रिपोर्ट मांगी है।
स्कूलों की पेयरिंग से जुड़े आदेश में दूरी का विशेष ध्यान रखने की बात कही गई थी। पेयरिंग में यह भी खयाल रखने को कहा गया था कि बच्चों को दूसरे स्कूल जाने के लिए तालाब, रेलवे क्रॉसिंग और हाइवे पार न करना पड़े। इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने कई स्कूलों की पेयरिंग में इसका खयाल नहीं रखा।
स्कूलों की पेयरिंग पर हो रहे विवाद पर डीएम विशाख जी ने भी बेसिक शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट मांगी है। इसमें एक किमी, डेढ़ किमी, डेढ़ से दो किमी और दो से अधिक दूरी वाले स्कूलों की लिस्ट देनी है। इसी तरह नहर, हाईवे और क्रॉसिंग वाले स्कूलों की अलग लिस्ट बनेगी। उन स्कूलों का भी ब्योरा देना होगा, जहां अधिक छात्र थे, लेकिन उन्हें कम छात्र वाले स्कूलों में पेयर कर दिया गया।
घट रही हाजिरी ?
दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल आना-जाना मुश्किल होता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में साधन न होने के कारण वे घरवालों या आसपास के स्कूल आते-जाते है। दिव्यांग बच्चों की उपस्थिति पहले ही कम रहती थी। पेयरिंग के बाद इसमें और गिरावट आई है
इतनी दूर कैसे जाएं दिव्यांग बच्चे
काकोरी के प्राथमिक विद्यालय चतुरीखेड़ा स्कूल में कुल छात्र 32 हैं। इनमें पांच दिव्यांग हैं। इस स्कूल की पेयरिंग पीएस सिरगामऊ में की है। दोनों स्कूल के बीच की दूरी 1.8 किमी है। इससे दिव्यांग बच्चों के लिए सिरगामऊ जाना मुश्किल हो गया है।
दूरी से इन स्कूलों के बच्चों को भी दिक्कत
बीकेटी
पीएस दरावां को 2 किमी दूर पीएस टिकरी में पेयर किया।
पीएस उमरभारी को 2.5 किमी दूर पीएस कमला बाग बड़ौली में पेयर किया।
पीएस सहपुरवा को 1.6 किमी दूर पीएस पहाड़पुर में पेयर किया। इनके बीच में सड़क है, जिस पर भारी वाहनों की आवाजाही रहती है।
पीएस पालपुर को 2 किमी दूर पीएस यूपीएस रायपुर राजा में पेयर किया।
माल
प्राथमिक विद्यालय जालामऊ को सहिजना में पेयर किया। बीच में रेलवे क्रॉसिंग है।
प्राथमिक विद्यालय भावा खेड़ा को 4 किमी दूर खड़ौंहा पेयर किया। बीच में बेहता नाला है।
प्राथमिक विद्यालय सलामत खेड़ा, प्राथमिक विद्यालय नत्था खेड़ा और प्राथमिक विद्यालय औलिया खेड़ा को कंपोजिट विद्यालय गोंडा मुअज्जमनगर में पेयर किया। तीनों स्कूल नई जगह से दो किमी दूर हैं।
प्राथमिक विद्यालय सरावा फरीदपुर को कंपोजिट विद्यालय मिर्जागंज में पेयर किया है। बच्चों के हाइवे किनारे होकर आना-जाना पड़ता है।
मोहनलालगंज
प्राथमिक विद्यालय हरी खेड़ा को तीन किमी दूर प्राथमिक विद्यालय उत्तर गांव में पयेर किया। बच्चों को हाईवे से होकर आना-जाना पड़ रहा है।
प्राथमिक विद्यालय महेश खेड़ा को तीन किमी दूर प्राथमिक विद्यालय भौदरी में पेयर किया। बीच में जिलामार्ग 91c है।
प्राथमिक विद्यालय शहजादपुर को तीन किमी दूर प्राथमिक विद्यालय भदेसुआ में पेयर किया।
उच्च प्राथमिक विद्यालय मदारीखेड़ा को तीन किमी दूर उच्च प्राथमिक विद्यालय धावाखेड़ा में पेयर किया। बीच में रायबरेली हाइवे भी है।
प्राथमिक विद्यालय फुलवरिया को 2.5 किमी दूर प्राथमिक विद्यालय मोहनलालगंज-1 से पेवर किया। बीच में रायबरेली हाईवे भी है।
काकोरी के प्राथमिक विद्यालयगौरी में कुल 29 बच्चे हैं। इनमें तीन दिव्यांग हैं। इस स्कूल को 2.5 किमी दूर प्राथमिक विद्यालय कठिघरा में पेयर किया गया है। दोनों स्कूल अलग-अलग ग्राम पंचायतों में हैं।
गोसाईंगंज के पीएस रामपुर न्यू में कुल छात्र 39 हैं। इनमें तीन दिव्यांग छात्र हैं। इस स्कूल को दो किमी दूर रामपुर गोमीखेड़ा में पेयर किया गया है। ऐसे में दिव्यांग छात्रों के लिए इतनी दूर जाना मुश्किल हो रहा है।
No comments:
Write comments