न दूरी देखी न दिक्कत, बस कर दिया स्कूलों का विलय, जिलों में बढ़ रहा है बेसिक शिक्षा विभाग की मनमानी का विरोध, अभिभावकों-बच्चों के वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश में कम नामांकन वाले 10827 परिषदीय विद्यालयों का विलय (पेयरिंग) किया है। हालांकि, विलय में स्पष्ट मानक न होने से जिलास्तर पर मनमानी की गई। कहीं स्कूलों का विलय दो से तीन किमी दूर कर दिया गया तो कहीं बच्चों को हाईवे और रेलवे लाइन पार करके जाना पड़ रहा है। कहीं पूरे शिक्षक नहीं हैं तो कई जगह खराब रास्ते शिक्षा की राह में रोड़ा बन रहे हैं। बच्चे स्कूल जाने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में अधिकारियों को बच्चों व अभिभावकों को मनाने के लिए गांव-गांव जाना पड़ रहा है।
कुशीनगर में 178 विद्यालयों के विलय के बाद आधे बच्चे भी स्कूल नहीं पहुंच रहे। अब जिले-जिले में स्कूलों के विलय का विरोध मुखर हो रहा है। कानपुर देहात, उन्नाव, हरदोई समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शिक्षक संगठनों के साथ लोग व जनप्रतिनिधि भी सड़क पर उतर रहे हैं।
अभिभावकों का कहना है कि बिना संवाद और जमीनी हकीकत समझे निर्णय लिया। अगर अधिकारियों ने संवाद के बाद फैसला लिया होता तो यह स्थिति न आती। विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने न तो विद्यालयों की दूरी देखी न बच्चों की दिक्कत, बस ताबड़तोड़ विलय कर दिया।
देवरिया में तो ज्यादा दूरी को देखते हुए बीएसए ने 30 विद्यालयों के विलय आदेश रद्द कर दिया। हालांकि, कई जिलों में अब भी बच्चों व अभिभावकों की दिक्कत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों के विरोध के बीच आशंका है कि आने वाले दिनों में ड्रॉपआउट दर बढ़ सकती है।
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