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Saturday, July 26, 2025

विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए काउंसलिंग अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्याएं रोकने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, कोचिंग संस्थानों के लिए 60 दिनों में नियम बनाएं राज्य

विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए काउंसलिंग अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में आत्महत्याएं रोकने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, कोचिंग संस्थानों के लिए 60 दिनों में नियम बनाएं राज्य


नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि देशभर में सभी कोचिंग संस्थानों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 60 दिन के भीतर सभी निजी कोचिंग सेंटरों के लिए छात्र सुरक्षा मानदंड और शिकायत निवारण तंत्र बनाने वाले नियम-कानून अधिसूचित करने का आदेश दिया है।


जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों में तेजी से बढ़ते आत्महत्या की प्रवृति और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए विस्तृत 15 दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर आया। उच्च न्यायालय ने विशाखापत्तनम में मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही छात्रा की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को खारिज कर दिया था।


छात्रों के स्वास्थ्य पर भी रखनी होगी नजर
सभी शैक्षणिक संस्थान नियमित रूप से छात्र मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। शैक्षणिक संस्थान गुमनाम रिकॉर्ड रखेंगे और एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेंगे परीक्षा के अंकों और रैंक से परे पहचान की व्यापक भावना विकसित करने को पाठ्यक्रमों की समीक्षा करनी होगी। सभी शैक्षणिक संस्थान, जिनमें कोचिंग केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं, छात्रों और उनके माता-पिता या अभिभावकों के लिए नियमित, करियर परामर्श सेवाए प्रदान करेंगे।


पंखे या उपकरण इस तरह से लगाएं जिससे न की जा सके छेड़छाड़

पीठ ने कहा कि सभी आवासीय सुविधा वाले संस्थान छत वाले ऐसे पंखे या उपकरण इस तरह से लगाएं, जिससे छेड़छाड़ न की जा सके। छतों, बालकनियों और अन्य खतरे वाले क्षेत्रों तक पहुंच को प्रतिबंधित करेंगे। सभी शैक्षणिक संस्थान, विशेषकर कोचिंग संस्थान या केंद्र शैक्षणिक प्रदर्शन, सार्वजनिक रूप से बदनामी, या उनकी क्षमता से अधिक शैक्षणिक लक्ष्य सौंपने के आधार पर विद्यार्थियों के बैचों को अलग-अलग नहीं करेंगे।


आत्महत्या रोकथाम के लिए हेल्पलाइन जरूरी

सभी शैक्षणिक संस्थान मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, स्थानीय अस्पतालों और आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन और तत्काल रेफरल के लिए लिखित प्रोटोकॉल स्थापित करेंगे। टेली-मानस और अन्य राष्ट्रीय सेवाओं सहित आत्मघाती हेल्पलाइन नंबरों को छात्रावासों, कक्षाओं, साझा क्षेत्रों और बड़े और सुपाठ्य प्रिंट में वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।


सभी कर्मचारियों का साल में दो बार प्रशिक्षण

संस्थान के सभी कर्मचारियों को वर्ष में दो बार अनिवार्य प्रशिक्षण देना होगा। प्रशिक्षण प्रमाणित मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर देंगे। इसमें मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा, चेतावनी संकेतों की पहचान, आत्म-नुकसान की प्रतिक्रिया जैसे विषय शामिल रहेंगे।


100 या उससे अधिक विद्यार्थी होने पर परामर्शदाता जरूरी

दिशा-निर्देशों के अनुसार, 100 या उससे अधिक नामांकित विद्यार्थियों वाले संस्थानों को कम से कम एक परामर्शदाता, मनोविज्ञानी या सामाजिक कार्यकर्ता नियुक्त करना होगा। ये अधिकारी बच्चे और किशोर मानसिक स्वास्थ्य में प्रशिक्षित होने चाहिए। कम छात्रों वाले संस्थान बाहरी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ औपचारिक रेफरल संबंध स्थापित करेंगे।

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