आधार के फेर में उलझे दाखिले, कैसे बढ़े छात्र संख्या? स्कूलों पर बच्चों की संख्या बढ़ाने का दबाव, शिक्षक-अभिभावक परेशान
लखनऊ : बेसिक स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा बच्चों के दाखिले करने का दबाव है। शिक्षकों की दिक्कत ये है कि बच्चे के पास आधार नहीं है तो पहले उसका आधार बनवाएं। आधार में और पुराने स्कूल में दर्ज उसके ब्योरे में कुछ अंतर है तो आधार अपडेट करवाएं। आधार के लिए जन्म प्रमाण पत्र जरूरी है। वह भी आसानी से नहीं बन रहा। ऐसे शिक्षकों की मुश्किल है कि स्कूल में बच्चों की संख्या कैसे बढ़ाएं?
क्या दिक्कतें आ रही?
स्कूल चलो अभियान के तहत बेसिक स्कूलों में छूटे हुए छात्रों को बढ़ाने के निर्देश दिए गए है। जुलाई और अगस्त में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बच्चों को स्कूल लाने के लिए सालभर कभी भी दाखिले किए जा सकते है लेकिन दाखिलों में काफी मुश्किलें आ रही है। शिक्षक इन मुश्किलों को लेकर काफी परेशान है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बताते है कि पहली कक्षा में भी जो बच्चा दाखिला लेना चाहता है तो हम बिना आधार के उसका दाखिला तो ले सकते हैं लेकिन कई दिक्कतें आएंगी। उसे स्कूल यूनिफॉर्म सहित अन्य मदों में डीबीटी के जरिए धनराशि नहीं मिलेगी। उसका APAAR-ID भी नहीं बन पाएगा।
कैंप लगवाकर समस्या का समाधान किया जाएगा। कैंप का शेड्यूल तैयार हो गया है। 4 अगस्त से कैंप लगवाए जाएंगे। –कंचन वर्मा, डीजी, स्कूल शिक्षा
ऐसे में आधार बनवाने के लिए फिर शिक्षक को ही मशक्कत करनी पड़ेगी। शिक्षक जब आधार बनवाते है तो उसका जन्म प्रमाण पत्र भी जरूरी होगा। जन्म प्रमाण पत्र नहीं है तो उसको बनवाने की प्रक्रिया भी जटिल है। एक साल से अधिक आयु वाले बच्चे का आधार बनवाने के एफिडेविट सहित कई दस्तावेज और भौतिक जांच की प्रक्रिया होती है। उसमें वक्त लगता है।
शिविर लगवाने की मांग
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते है कि कक्षा एक के अलावा अन्य किसी कक्षा में दाखिला लेना है तो बच्चे के पुराने रेकॉर्ड और आधार में अंतर होने पर उसमें सुधार करवाना भी मुश्किल है। आधार अपडेट करवाने के लिए भी प्रक्रिया लंबी है। आधार और जन्म प्रमाण पत्र में भी ब्योरे में कुछ अंतर है तो भी अपडेट करवाने की प्रक्रिया लंबी है।
इस बारे में प्राथमिक शिक्षक संघ लखनऊ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह कहते है कि आधार और जन्म प्रमाण पत्र के लिए कैंप लगवा दिए जाएं तो काम आसान हो सकता है। शिक्षको और अभिभावकों को भटकना नहीं पड़ेगा और दाखिलों की राह आसान हो जाएगी।
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