केंद्रीय विद्यालयों में सीटीईटी अनिवार्य, एलटी भर्ती में छूट, प्रतियोगी पहुंचे हाईकोर्ट, राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी से छूट पर विवाद बढ़ा
केंद्रीय विद्यालयों में सीटीईटी अनिवार्य, एलटी भर्ती में छूट, प्रतियोगी पहुंचे हाईकोर्ट, राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी से छूट पर विवाद बढ़ा
कोर्ट ने पूछा, भर्ती नौ-दस के लिए या छह से आठ भी पढ़वाएंगे
प्रयागराज । राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुसार सहायक अध्यापक भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती में टीईटी से छूट देने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
इस मामले में अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों से सवाल किया है कि एलटी ग्रेड शिक्षकों से केवल कक्षा नी और दस के बच्चों को पढ़वाएंगे या फिर ये शिक्षक कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को भी पढ़ाएंगे।
एनसीटीई की गाइडलाइन जारी होने के बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने टीजीटी (सहायक अध्यापक) भर्ती के लिए उच्च प्राथमिक स्तर की केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को अनिवार्य कर दिया था क्योंकि टीजीटी शिक्षक ही कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को भी पढ़ाते हैं। हालांकि यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। 2018 में जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एलटी ग्रेड भर्ती जारी की थी तो उस समय भी टीईटी अनिवार्य किए जाने का मामला उठा था लेकिन तब अफसरों ने हाईकोर्ट में यह कहकर मामला रफा-दफा कर दिया था कि एलटी ग्रेड शिक्षकों से कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को नहीं पढ़वाया जाएगा।
जबकि हकीकत इसके उलट है। राजकीय विद्यालयों में छह से 12 तक की कक्षाएं संचालित होती हैं। प्रवक्ता कक्षा 11 और 12 के बच्चों को पढ़ाते हैं और एलटी ग्रेड शिक्षक कक्षा छह से दस तक की कक्षाएं लेते हैं। यही कारण है कि हाईकोर्ट में याचिका करने वाले अभ्यर्थियों ने यह मुद्दा उठाया है कि लोक सेवा आयोग की ओर से 28 जुलाई को जारी विज्ञापन में यह स्पष्ट नहीं है कि भर्ती केवल कक्षा नौ-दस के शिक्षकों के लिए है या फिर कक्षा 6-8 के लिए भी है। हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को प्रमुख सचिव (माध्यमिक शिक्षा) को निर्देशित किया है कि वे इस विषय पर दो हफ्तों में काउंटर एफिडेविट दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितम्बर को होगी