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Tuesday, July 1, 2025

शिक्षक और प्रधान बोले, दबाव बनाकर कराया जा रहा है स्कूलों का विलय

शिक्षक और प्रधान बोले, दबाव बनाकर कराया जा रहा है स्कूलों का विलय

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने ब्लॉक स्तर पर की बैठक, संघ इस बारे में बैठक कर जल्द लेगा आगे के लिए निर्णय


लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले स्कूलों के विलय (पेयरिंग) को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार को प्रदेशभर में स्कूल प्रबंध समिति, ग्राम प्रधानों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने बताया कि विभाग जबरन स्कूलों का विलय कर रहा है। इसे लेकर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।


संघ की ओर से हर जिले में सभी विकास खंडों में ब्लॉक अध्यक्ष, मंत्री व ब्लॉक पदाधिकारियों ने विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों व ग्राम प्रधानों के साथ बैठक की। इसमें स्कूलों के विलय से होने वाले विपरीत प्रभाव पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि विद्यालयों के विलय को लेकर शिक्षकों, एसएससी अध्यक्ष व ग्राम प्रधानों पर दबाव बनाकर सहमति ली जा रही है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि स्कूलों का विलय नियम विरुद्ध तरीके से किया जा रहा है। यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम के भी खिलाफ है। इस कवायद का असर आने वाले दिनों में स्कूलों में बच्चों के नामांकन में भी दिखेगा। उन्होंने बताया कि संगठन इस मामले में पदाधिकारियों से वार्ता कर आगे का निर्णय लेगा। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।


तीन से सीएम को भिजवाएंगे ज्ञापन

लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के पेयरिंग के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन के अगले चरण का एलान किया है। इसमें तीन से 15 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिला पदाधिकारी व प्रभावित विद्यालय प्रबंध समितियां, संबंधित ग्राम प्रधानों के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर विद्यालय को बंद करने से रोकने की मांग करेंगे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी व प्रदेश महामंत्री उमाशंकर सिंह ने बताया कि विद्यालय पेयरिंग के विरुद्ध आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। 


विलय के विरोध में आप का प्रदेशभर में प्रदर्शन दो को

लखनऊ। प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) दो जुलाई को प्रदेशभर में विरोध-प्रदर्शन करेगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे ने बयान जारी कर कहा कि 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश के लोगों में गुस्सा है। गांव-गांव में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है। 

एडेड ही नहीं राजकीय विद्यालयों के भी ऑफलाइन तबादले फंसे

एडेड ही नहीं राजकीय विद्यालयों के भी ऑफलाइन तबादले फंसे

माध्यमिक में काफी संख्या में हुए ऑफलाइन तबादले के आवेदन

विभाग ऑफलाइन तबादलों पर अब तक नहीं कर सका निर्णय

लखनऊ। प्रदेश के कई विभागों में इस बार के तबादले चर्चा का विषय बने हुए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं रह पाया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) ही नहीं राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी ऑफलाइन तबादले फंसे हुए हैं। जबकि सैकड़ों शिक्षक इसके लिए विभाग की तरफ देख रहे हैं।


जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग के एडेड कॉलेजों में 1700 से अधिक शिक्षकों ने ऑफलाइन तबादले के लिए आवेदन किया था। पूर्व में विभाग ने आश्वस्त भी किया कि ऑफलाइन तबादले पूरे किए जाएंगे। इस वजह से काफी कम शिक्षकों ने ऑनलाइन तबादले में रुचि ली। मात्र 360 शिक्षकों के ही ऑनलाइन तबादले हुए हैं। जबकि काफी शिक्षकों के आवेदन की प्रक्रिया प्रबंधकों की वजह से अधूरी रह गई। आरोप है कि प्रबंधकों ने उनको एनओसी ही नहीं दी। 

दूसरी तरफ राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी कुछ शिक्षकों ने तबादले के लिए ऑफलाइन आवेदन किए हैं। किंतु निर्धारित समय बीतने के बाद अब इन शिक्षकों की धड़कनें बढ़ गई हैं। अब अगर उनके तबादले नहीं हुए तो एक साल इंतजार करना पड़ेगा।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक संस्थाओं में कार्यरत संस्था प्रधान/प्रवक्ता / सहायक अध्यापक / सहायक अध्यापक (सम्बद्ध प्राइमरी प्रभाव) के वर्तमान सत्र 2025-26 में ONLINE स्थानांतरण के सापेक्ष कार्यमुक्ति / कार्यभार ग्रहण कराये जाने सम्बंधित निर्देश जारी

एडेड माध्यमिक स्कूलों में प्रबन्धकों ने ऑनलाइन तबादलों की निकाली हवा, फाइल ही नहीं की फॉरवर्ड, पूरी प्रक्रिया बनी मजाक


लखनऊ । एडेड स्कूलों में ऑनलाइन तबादलों की वहां के प्रबंधकों ने ही हवा निकाल दी है। कहा जाता है कि ज्यादातर प्रबंधकों ने ऑनलाइन ट्रांसफर की फाइल फॉरवर्ड ही नहीं की। नतीजा, तबादला प्रक्रिया सुलझने की बजाय और अधिक उलझ गई। यह स्थिति तब है जबकि प्रदेश में ऐडेड स्कूलों के शिक्षकों की संख्या करीब 57 हजार हैं, जिनमें से 1772 ने तबादले के लिए आवेदन किया था लेकिन मात्र 360 शिक्षकों के ही स्थानांतरण हो सके।

शिक्षक संगठन तबादले के लिए ऑफलाइन आवेदनों पर निर्णय करने की मांग कर रहे हैं। कुछ शिक्षकों ने इस प्रकरण को लेकर न्यायालय जाने की भी धमकी दी है। इससे एडेड में शिक्षकों के तबादले की पूरी प्रक्रिया ही मजाक बनकर रह गई। ऐसे में अब विभाग में ऑफलाइन तरीके से मामले को निस्तारित करने का रास्ता ढूंढा जा रहा है।

 जानकार बताते हैं प्रबन्धक की संस्तुति जरूरी है लिहाजा इसे दरकिनार कर एडेड विद्यालयों के शिक्षकों का तबादला लगभग असम्भव माना जाता है लेकिन जिस प्रकार से प्रबन्धकों ने मनमानी की, इससे अब विभाग को नया रास्ता निकालना ही होगा।

इस स्थिति के लिए विभाग |को माना जा रहा जिम्मेदार
विभाग की ओर से पहले ऑफ लाइन तबादले के आदेश जारी किए गए थे। बीच में ही अचानक से विभाग की ओर से 14 जून को ऑनलाइन तबादले किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए और कहा गया कि सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे।

स्थानांतरित शिक्षकों को ज्वाइन करना मुश्किल
जिन शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले हुए हैं, उन्हें स्कूलों में ज्वाइन कराने में समस्याएं आ रही हैं। प्रबन्धकों का कहना है कि वे पहले ही तबादले के लिए ऑफलाइन संस्तुति कर चुके हैं, ऐसे में स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों को कैसे ज्वाइन कराया जा सकता है।

शिक्षक संगठन अब आन्दोलन के मूड में
शिक्षक संगठन इस मुद्दे को लेकर आन्दोलन पर उतारू हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने तो माध्यमिक शिक्षा निदेशालय का घेराव करने तक की घोषणा कर दी है। माध्यमिक शिक्षक संघ के ही पाण्डेय गुट के प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षकों के तबादले में दोहरी व्यवस्था किसी भी रूप में ठीक नहीं है।



एडेड माध्यमिक विद्यालय में सिर्फ 360 ऑनलाइन तबादले, ऑफलाइन तबादलों पर संशय बरकरार

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में लंबी कवायद के बाद शुक्रवार को ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया का परिणाम घोषित कर दिया गया। इसमें 466 आवेदनों में से सिर्फ 360 शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों का तबादला हुआ है। वहीं पूर्व में हुए ऑफलाइन तबादलों पर अब भी संशय बरकरार है। इससे शिक्षक संघों में नाराजगी है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि तबादले से जुड़ी जानकारी secaidedtransfer.upsdc.gov.in पर उपलब्ध है। तबादले पाने वाले शिक्षकों को नियमानुसार कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराने के लिए सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

शिक्षक संघ ऑफलाइन तबादले के लिए करेंगे घेराव
वहीं दूसरी तरफ एडेड माध्यमिक विद्यालयों में तबादले के लिए पूर्व की भांति काफी संख्या में ऑफलाइन आवेदन भी हुए थे। विभाग ने पूर्व में यह कहा भी था कि अब तक हुए ऑफलाइन आवेदनों का निस्तारण इस साल भी ऑफलाइन किया जाएगा। किंतु इस पर संशय बरकरार है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने ऑफलाइन प्रक्रिया पूरी करने वाले शिक्षकों का तबादला आदेश न जारी होने पर 30 जून को लखनऊ निदेशालय पर धरना-प्रदर्शन की बात कही है।



प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक संस्थाओं में कार्यरत संस्था प्रधान/प्रवक्ता / सहायक अध्यापक / सहायक अध्यापक (सम्बद्ध प्राइमरी प्रभाव) के वर्तमान सत्र 2025-26 में ONLINE स्थानांतरण के सापेक्ष कार्यमुक्ति / कार्यभार ग्रहण कराये जाने सम्बंधित निर्देश जारी
 


निजी बीएड डिग्री कॉलेजों ने एनसीटीई के फर्जी पत्र से ली बीएड की मान्यता, मान्यता खत्म कर कानूनी कार्यवाही की तैयारी

निजी बीएड डिग्री कॉलेजों ने एनसीटीई के फर्जी पत्र से ली बीएड की मान्यता, मान्यता खत्म कर कानूनी कार्यवाही की तैयारी

03 मार्च 2020 के जिस पत्र का हवाला लेकर ली मान्यता वो फर्जी


लखनऊ। निजी डिग्री कॉलेजों ने बीएड कोर्स की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) का फर्जी पत्र तैयार कर ले ली। यही नहीं मिलीगभत कर इसे एनसीटीई की वेबसाइट पर भी अपलोड करा दिया। फर्जीवाड़ा करने वाले इन डिग्री कॉलेजों ने विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा दिया है। शिकायत के बाद जांच की गई तो पता चला कि इन्हें मान्यता देने के लिए एनसीटीई ने कोई पत्र ही जारी नहीं किया है। अब ऐसे कॉलेजों की मान्यता खत्म कर उनके यहां प्रवेश पर रोक लगा दी है और अब कानूनी कार्रवाई होगी।


एनसीटीई की बीते दिनों हुई नार्दन रीजन कमेटी की बैठक में सीतापुर के बिसवां स्थित अजीम मेमोरियल नेशनल डिग्री कॉलेज जो कि लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध है, उसका फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस कॉलेज ने मान्यता के लिए एनसीटीई का फर्जी पत्र तैयार कर लिया गया। तीन मार्च 2020 के जिस पत्र का हवाला लेकर इस कॉलेज ने लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्धता ली वह पूरी तरह फर्जी निकला। बीएड कोर्स की मान्यता खत्म किए जाने, दाखिले पर रोक लगाए जाने और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी तरह बरेली के शिव ज्ञान डिग्री कॉलेज मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में भी बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता ऐसे ही ली गई। जांच कमेटी ने डिस्पैच डायरी व अन्य दस्तावेजों से इसका मिलान किया तो यह पत्र भी फर्जी निकला। यही खेल मान्यता पाने के लिए बरेली के ही एलबीएस ग्रुप एजुकेशन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कॉलेज ने भी किया। उसने भी फर्जी पत्र के सहारे बीएड पाठ्यक्रम चला डाला। शाहजहांपुर के गंगा राम सेठ डिग्री कॉलेज भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है।


ढंग से जांच हो तो सामने आएगा बड़ा फर्जीवाड़ा

फिलहाल पांच-पांच साल से चल रहे इन कॉलेजों पर अब कार्रवाई की जाएगी। एनसीटीई के आईटी सेक्शन को यह जिम्मेदारी दी गई है कि आखिर किस तरह इन्होंने वेबसाइट पर फर्जी पत्र अपलोड किया। अब दूसरे बीएड कॉलेजों की भी जांच कराई जाएगी। अगर ढंग से जांच की गई तो बड़ी संख्या में दूसरे कॉलेजों का भी फर्जीवाड़ा सामने आएगा। यही नहीं बड़ा रैकेट पकड़ा जाएगा।

छात्रवृत्ति के लिए यूनिक ID इसी सत्र से मिलेगी, हर कक्षा में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते समय बार बार जानकारियां नहीं पड़ेगी देनी

छात्रवृत्ति के लिए यूनिक ID इसी सत्र से मिलेगी, हर कक्षा में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते समय बार बार जानकारियां नहीं पड़ेगी देनी 


लखनऊ। प्रदेश में प्रत्येक छात्र को इसी सत्र से छात्रवृत्ति योजना के तहत एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। यह नंबर जब तक वह पढ़ाई करेगा, तब तक सक्रिय रहेगा। यूनिक नंबर मिलने से छात्र को हर कक्षा में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते समय बेसिक जानकारियां नहीं देनी होंगी। पहली बार में ही ये जानकारियां उसके रिकॉर्ड में सेव हो जाएंगी।


इसके आधार पर यह पता चलेगा कि विद्यार्थी ने कब और कितनी छात्रवृत्ति पाई। इससे योजना में पारदर्शिता बढ़ेगी। एक ही कक्षा में दो अलग-अलग छात्रवृत्ति योजना का लाभ ले पाना मुमकिन नहीं रह जाएगा। 

यूपी बोर्ड के स्कूलों में आज से ऑनलाइन हाजिरी, देखें जारी आदेश और उपस्थिति अंकन मदद हेतु जारी मैन्युअल

यूपी बोर्ड के स्कूलों में आज से ऑनलाइन हाजिरी, देखें जारी आदेश और उपस्थिति अंकन मदद हेतु जारी मैन्युअल 

क्लास शुरू होते ही विद्यार्थियों-शिक्षकों को दर्ज करानी होगी ऑनलाइन उपस्थिति


प्रयागराज । यूपी बोर्ड से जुड़े 28529 राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में मंगलवार से ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था लागू होने जा रही है।

इसके लिए एक विशेष पोर्टल विकसित किया गया है और विद्यालयों की सुविधा के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन भी तैयार किया गया है जिसके माध्यम से कक्षा नौ से 12 तक में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा और कार्यरत शिक्षकों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह के अनुसार, सभी माध्यमिक विद्यालयों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी। 

ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया विद्यालय परिसर से ही संभव होगी। प्रधानाचार्य पहले पीरियड में बोर्ड की वेबसाइट www.upmsp.edu.in के होमपेज पर उपलब्ध लिंक अथवा गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध मोबाइल एप UPMSP-Attendence के माध्यम से लॉगइन कर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करेंगे। विद्यालयों की वर्तमान लॉगइन आईडी व पासवर्ड के माध्यम से लॉगइन कर उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी।