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Sunday, June 15, 2025

20 से कम छात्रों वाले परिषदीय स्कूल होंगे मर्ज, नजदीकी विद्यालय से की जाएगी पेयरिंग, पत्र वायरल होने के बाद शिक्षक समूहों में बढ़ी हलचल

20 से कम छात्रों वाले परिषदीय स्कूल होंगे मर्ज, नजदीकी विद्यालय से की जाएगी पेयरिंग, पत्र वायरल होने के बाद शिक्षक समूहों में बढ़ी हलचल 



13 जून 2025
मथुरा । जनपद में उन परिषदीय विद्यालयों की पहचान शुरू कर दी गई है, जिनमें छात्र नामांकन संख्या 20 या उससे कम है। अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ की अध्यक्षता में 13 जून को आयोजित एक ऑनलाइन बैठक के बाद जिला प्रशासन ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मथुरा, सुनील दत्त द्वारा जारी पत्र के अनुसार, ऐसे सभी विद्यालयों को चिन्हित कर उनके मर्जर (विलय) या निकटवर्ती विद्यालयों के साथ "पेयरिंग" का प्रस्ताव 16 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। यह निर्देश जनपद के समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों और नगर शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए हैं।

बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी मथुरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। इस बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता, संसाधनों के समुचित उपयोग और प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऐसे छोटे नामांकन वाले विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों के साथ समायोजित करने का निर्णय लिया गया।

जिला प्रशासन का मानना है कि इससे शिक्षकों के समुचित उपयोग, शैक्षिक माहौल के सुदृढ़ीकरण और संसाधनों की बचत में मदद मिलेगी। हालांकि, इससे प्रभावित होने वाले विद्यालयों की संख्या और उनकी भौगोलिक स्थिति को लेकर शिक्षकों एवं ग्रामीण अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

सूत्रों के अनुसार, मर्जर प्रक्रिया में यह भी ध्यान रखा जाएगा कि विद्यार्थियों को आने-जाने में असुविधा न हो और उनका शिक्षण प्रभावित न हो। इसके लिए समेकित स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता को प्राथमिकता दी जाएगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहाँ नामांकन अपेक्षा से काफी कम है, जबकि शिक्षकों की तैनाती और संसाधन खर्च अपेक्षाकृत अधिक होते हैं। शिक्षा विभाग लंबे समय से विद्यालयों के समेकन की योजना पर काम कर रहा है, और यह निर्देश उसी दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। ऐसे में खंड शिक्षा अधिकारी तय समय-सीमा में यह प्रक्रिया पूर्ण करें, इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय सतर्कता से निगरानी कर रहा है।



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