क्षमता के अनुरूप सही विषय का चयन कर सकेंगे यूपी बोर्ड के छात्र, कक्षा-9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए अभिक्षमता परीक्षण टेस्ट की होगी व्यवस्था
मनोविज्ञानशाला ने शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को भेजा प्रस्ताव
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बोर्ड से पढ़ाई करने वाले कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थी अपनी क्षमता और रुचियों के अनुरूप विषयों का चयन कर सकेंगे। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें सभी बोर्ड विद्यार्थियों के लिए अभिक्षमता परीक्षण की व्यवस्था किए जाने की सिफारिश की गई है।
प्रस्ताव को मनोविज्ञानशाला की ओर से भेजा गया है। मनोविज्ञानशाला के विशेषज्ञों का मानना है कि कई छात्र विषय चयन के समय भ्रमित रहते हैं और सामाजिक दबाव या जानकारी की कमी के चलते ऐसे विषय ले लेते हैं जो उनकी मानसिक क्षमता या रुचि के अनुकूल नहीं होते।
जब तक यह प्रस्ताव नहीं मान लिया जाता है, तब तक कोई भी विद्यार्थी अपनी अभिक्षमता के - परीक्षण के लिए मनोविज्ञानशाला जाकर निशुल्क परीक्षा दे सकता है। परीक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों की रुचि, तर्कशक्ति, विश्लेषण क्षमता और रचनात्मकता का आकलन किया जाएगा, इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि वे कला, वाणिज्य, विज्ञान या किसी अन्य क्षेत्र के लिए अधिक उपयुक्त हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह योजना लागू होती है तो यह न केवल छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाएगी, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करेगी। साथ ही, इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से तय कर सकेंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद प्रस्ताव पर विचार कर रही है और यदि इसे स्वीकृति मिलती है तो आने वाले शैक्षणिक सत्र से इसे चरणबद्ध रूप से लागू किया जा सकता है। यह टेस्ट इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर दीपा पुनेठा व इलाहाबाद डिग्री कॉलेज के प्राचार्य अतुल कुमार सिंह के सहयोग और मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चंद्रा के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है।
प्रदेश स्तर पर माध्यमिक विद्यालयों के 2250 विद्यार्थियों ने दिया टेस्ट
इस अभिक्षमता परीक्षण टेस्ट के लिए प्रदेश स्तर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में अध्ययनरत 2250 विद्यार्थियों का चयन किया गया। टेस्ट की सफलता के बाद इसको लागू करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
एनसीईआरटी और सीबीएसई ने मिलकर बनाया है टेस्ट
सीबीएसई और एनसीईआरटी ने मिलकर कक्षा नौ और 10 के छात्रों के लिए 'तमन्ना' नाम का योग्यता परीक्षण टेस्ट बनाया है। यह परीक्षण छात्रों को अपनी क्षमताओं और योग्यताओं का पता लगाने और उचित कॅरिअर विकल्प चुनने में मदद करता है।
विद्यार्थी कॅरिअर से संबंधित निर्णय सुगमतापूर्वक ले सकें, साथ ही शिक्षा से संबंधित विभिन्न हितकारक भी इसके लिए सुझाव प्रदान कर सकें। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मनोविज्ञान एवं निर्देशन विभाग मनोविज्ञानशाला प्रयागराज द्वारा परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए अभिक्षमता परीक्षण टेस्ट की संरचना की गई है। ऊषा चंद्रा, निदेशक, मनोविज्ञानशाला, प्रयागराज
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