क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में रिकार्ड 54 भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान, अमेरिका, इंग्लैंड और चीन के बाद इस रैंकिंग में सबसे अधिक भारतीय संस्थान शामिल
आइआइटी दिल्ली ने लगाई बड़ी छलांग, 123वीं रैंक हासिल की, पिछले वर्ष 150वां रैंक था
नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिए देश की शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने का जो सपना देखा गया है, उस दिशा में बदलाव अब साफ दिखने लगा है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग-2026 में भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इस बार रैंकिंग में देश के 54 संस्थानों ने जगह बनाई है। इनमें 12 आइआइटी हैं। आइआइटी दिल्ली ने बड़ी छलांग लगाते हुए 123वीं रैंक हासिल की है। 2025 में उसने क्यूएस रैंकिंग में 150वां स्थान हासिल किया था। 10 साल पहले यानी 2015 में क्यूएस रैंकिंग में सिर्फ 11 भारतीय संस्थान ही शामिल थे।
यह बात अलग है कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में अभी भी शीर्ष स्तर पर अमेरिकी उच्च शिक्षण संस्थानों का दबदबा है। बावजूद इसके भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों ने इस रैंकिंग में तेजी से जगह बनाई है। अमेरिका (192), इंग्लैंड (90) और चीन (72) के बाद इस रैंकिंग में सबसे अधिक 54 भारतीय संस्थान शामिल हैं। इस बार की रैंकिंग में भारत के आठ नए संस्थानों ने भी जगह बनाई है, जो रैंकिंग में एक वर्ष में शामिल होने वाले किसी भी देश के सर्वाधिक संस्थान हैं। इसके साथ ही जी-20 देशों में भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था ने सबसे तेज बढ़त हासिल की है। नई शिक्षा नीति के लागू होने से भारत पढ़ाई का हब बन रहा है।
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में 2015 में सिर्फ 11 संस्थान थे, आज यह संख्या पांच गुना बढ़ गई है। यह बदलाव पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए शिक्षा सुधारों से आया है। –धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा मंत्री
देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए यह अच्छी खबर है। सरकार देश के युवाओं को अनुसंधान व नवाचार के इकोसिस्टम से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। –नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री।
No comments:
Write comments