मुरादाबाद के BEO विभागीय जांच में पाए गए लैंगिक उत्पीड़न के दोषी, जानिए पूरा मामला
मुरादाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी वेगीश सिंह लैंगिक उत्पीड़न के आरोपों में फंस गए हैं। 2 शिक्षिकाओं की ओर से शासन स्तर पर की गई शिकायत के बाद शिक्षा निदेशक ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एबीएसए वेगीश को लैंगिक उत्पीड़न का दोषी माना है। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद अपर शिक्षा निदेशक बेसिक कामता राम पाल ने ABSA वेगीश की 3 वेतन वृद्धि रोक दी हैं। सरकारी लोक सेवक के लिए निर्धारित आचरण से निम्न स्तर का आचरण करने की वजह से उन्हें मिसकंडक्ट भी दी गई है।
अपने आदेश में अपर शिक्षा निदेशक कामता राम पाल ने कहा है- आपका आचरण एवं कार्यशैली दूषित है। इसलिए आपके तीन वेतन वृद्धियों पर अस्थाई रूप से रोक लगाई जा रही है। इसके अलावा निम्न स्तर के आचरण के लिए आपको अवचार का दंड भी दिया जा रहा है।
दरअसल पूरा मामला एबीएसए वेगीश सिंह के पूर्व तैनाती वाले ब्लॉक ठाकुरद्वारा से जुड़ा है। जहां की 2 शिक्षिकाओं ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। शिक्षिकाओं का आरोप था कि एबीएसए ने बार-बार महिला टीचर्स की CCL और मेडिकल लीव रिजेक्ट करते रहे ताकि उन पर प्रेशर बनाया जा सके और वो अपने इरादे पूरे कर सकें। एक शिक्षिका ने अपनी शिकायत में कहा था कि एबीएसए ने उन्हें अपने रूम पर आकर अकेले में मिलने के लिए प्रेशर बनाया। इंकार करने पर सीसीएल रिजेक्ट कर दीं। शिक्षिकाओं ने एबीएसए के साथ अपनी व्हाट्सएप चैट को भी शिकायत के साथ अटैच किया था।
मामला 2024 का है। ठाकुरद्वारा ब्लॉक के शेरपुर पट्टी स्कूल की सहायक अध्यापिका मेधा सिंह वर्मा ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाई थी। मेधा वर्मा का कहना था कि एबीएसए वेगीश सिंह ने बार-बार उनकी चाइल्ड केयर लीव और मेडिकल लीव के आवेदन पोर्टल पर रिजेक्ट कर दिए। जबकि उन्हें अपनी दो साल की बीमार बच्ची की देखभाल के लिए सीसीएल की सख्त जरूरत थी। मेधा का आरोप है कि बार-बार लीव आवेदन रिजेक्ट करने की वजह पूछने पर एबीएसए ने उनसे कहा कि मुरादाबाद में अकेले आवास पर आकर मिलो, उसके बाद लीव के बारे में विचार करेंगे। मेधा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने एबीएसए की बात मानने से इंकार कर दिया तो उन्होंने खुन्नस निकालने के लिए उन्हें गैरहाजिरी में सस्पेंड भी करा दिया।
दूसरा मामला भी 2024 में ठाकुरद्वारा ब्लॉक का ही है। ठाकुरद्वारा ब्लॉक में उन दिनों वेगीश सिंह एबीएसए थे। ठाकुरद्वारा ब्लॉक के बथुआखेड़ा स्कूल की इंचार्ज टीचर सीमा गहलोत ने भी एबीएसए पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि वो सिंगल पैरेंट हैं। इसके बावजूद उनकी इकलौती 2 साल की बेटी की देखभाल के लिए जरूरत पड़ने पर उन्हें सीसीएल नहीं मिली। क्योंकि एबीएसए वेगीश की ओर से उन्हें बार-बार रिजेक्ट कर दिया गया। इस तरह प्रेशर बनाकर वो अपने गल इरादों को पूरा करना चाहते थे।
महिला शिक्षकाओं के सेक्सुल हैरेसमेंट को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग बदनाम रहा है। कभी छुटि्टयों का प्रेशर तो कभी प्रलोभन देकर विभागीय अधिकारियों द्वारा महिला टीचर्स के साथ मनमानी और बदसलूकी की शिकायतों की भरमार रही है।
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