प्रदेश के विश्वविद्यालय-महाविद्यालय जारी करेंगे अपना गतिविधि कैलेंडर, उच्च शिक्षा विभाग को-कॅरिकुलर गतिविधियों पर करेगा सख्ती
पढ़ाई प्रभावित होने पर विवि कॉलेज चलाएंगे अतिरिक्त कक्षाएं
लखनऊ। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को न सिर्फ उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी कैलेंडर का पालन करना होगा, बल्कि अपना वार्षिक गतिविधि कैलेंडर भी जारी करेंगे। इसके अनुसार वह सालभर होने वाले कार्यक्रमों, को-कॅरिकुलर व शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन करेंगे।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी शैक्षिक कैलेंडर में वार्षिक गतिविधि कैलेंडर को लेकर भी सख्ती की जा रही है। विभाग ने कहा है कि सभी विश्वविद्यालय व कॉलेज अपना वार्षिक गतिविधि कैलेंडर अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। इसके अनुसार सालभर गतिविधियों का आयोजन होगा। वहीं इनका आयोजन शिक्षण कार्य को प्रभावित किए बिना करना होगा। अगर पढ़ाई प्रभावित होती है तो इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लेनी होंगी।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय द्वारा मूल्यांकन कार्य परीक्षा शुरू होने के पहले सप्ताह में ही शुरू कर दिया जाएगा। वहीं परीक्षा समाप्त के एक सप्ताह में पूरा कर दिया जाएगा। दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें व छठवें सेमेस्टर की कक्षाएं परीक्षा समाप्त होने के बाद जरूर शुरू कर दी जाएं। सभी माइनर पेपर की परीक्षाएं एक-दो दिन में आयोजित की जाएंगी। विश्वविद्यालय माइनर पेपर, स्किल कोर्स के लिए स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध कोर्स की सूची बनाकर प्रस्तुत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकांश विद्यार्थियों के इंटर परीक्षा परिणाम 15 मई तथा पीजी परिणाम 15 जून तक घोषित कर दिए जाते हैं। इसलिए सभी प्रवेश यूजी-पीजी व अन्य 26 जुलाई तक पूरे किए जाएं। यदि सीयूईटी परीक्षा के परिणाम के कारण विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले पाता है तो ऐसे विद्यार्थियों के साक्ष्य के आधार पर, सीटें खाली होने पर प्रवेश की अनुमति विश्वविद्यालय द्वारा दी जा सकती है। उनका छूटा हुआ शिक्षण कार्य अतिरिक्त कक्षाएं लेकर पूरा कराना होगा ताकि शैक्षणिक कैलेंडर प्रभावित न हो।
प्रायोगिक परीक्षाओं की होगी लाइव स्ट्रीमिंग
विभाग ने यह भी कहा है कि परीक्षा नियंत्रक सुनिश्चित करेंगे कि प्रायोगिक परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालय अपने संस्थान के यूट्यूब चैनल पर प्रायोगिक परीक्षाओं की लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे। सभी संस्थानों के यूट्यूब चैनल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर लिंक किए जाएंगे।
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