विवि-कॉलेज में हर हाल में नई शिक्षा नीति के हिसाब से लागू करें पाठ्यक्रम, उच्च शिक्षा विभाग ने दिया निर्देश, जारी किया नए सत्र का शैक्षिक कैलेंडर
प्रवेश में देरी पर कुलसचिव और परीक्षा के लिए परीक्षा नियंत्रक की होगी जिम्मेदारी
लखनऊ। राज्य विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति 2020 लागू हुए चार साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन कई संस्थानों में अब भी इसे पूरी तरह से प्रभावी नहीं बनाया गया है। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि नए सत्र 2025-26 से हर हाल में एनईपी के अनुसार पाठ्यक्रम का संचालन किया जाए।
नए सत्र 2025-26 का शैक्षिक कैलेंडर जारी करते हुए विभाग ने कहा है कि सभी पाठ्यक्रमों (विधि, चिकित्सा व नियामक संस्थाओं के पाठ्यक्रम को छोड़कर) में सत्र 2022-23 तक एनईपी लागू करने के निर्देश दिए गए थे। रजिस्ट्रार यह सुनिश्चित करेंगे कि विवि व कॉलेजों में एनईपी के अनुसार पाठ्यक्रम चल रहे हैं। जो पाठ्यक्रम एनईपी के अनुसार न चल रहा हो, उसका संचालन सुनिश्चित कराया जाए।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल ने कहा है कि विवि व कॉलेजों में प्रवेशित नए विद्यार्थियों की 26 जुलाई से पढ़ाई शुरू की जाए। साथ ही एक सप्ताह का (26 से 30 जुलाई तक) दीक्षारंभकार्यक्रम कराएं। इसमें यूजीसी के नियमों के अनुसार विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग सत्र आयोजित कर पठन-पाठन व कॅरिअर संबंधी जानकारी दी जाए।
उन्होंने बताया कि पहले सेमेस्टर का शिक्षण कार्य एक नवंबर तक, सेमेस्टर की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 10 नवंबर तक और लिखित परीक्षाएं 11 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच होंगी। जाड़े की छुट्टियां 21 दिसंबर से पांच जनवरी तक और परीक्षा परिणाम पांच जनवरी को घोषित किया जाएगा। ऐसे ही आगे की भी शैक्षिक कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। उन्होंने शैक्षिक कैलेंडर का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
प्रवेश में देरी पर कुलसचिव और परीक्षा के लिए परीक्षा नियंत्रक की होगी जिम्मेदारी
प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रवेश कार्य निर्धारित समय में पूरा कराना कुलसचिव की जिम्मेदारी होगी। किसी भी प्रकार की देरी के लिए कुलसचिव को जवाबदेह मानते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। विवि साल में दो बार परीक्षा कराएंगे। कॉलेज को केंद्र बनाए जाने के कारण वहां पढ़ाई प्रभावित होती है। इसलिए परीक्षाएं निर्धारित समय में ही कराई जाएं। निर्धारित समय के बाद विवि की परीक्षा चलने पर संबंधित परीक्षा नियंत्रक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी।
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