खंड शिक्षाधिकारियों (समूह ग) को 17 से बढ़ाकर 34 फीसदी पदोन्नति कोटा देने की तैयारी का राजकीय शिक्षक संघ ने किया विरोध
राजकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की हस्तक्षेप की मांग, कलम बंद हड़ताल और न्यायालय जाने की दी चेतावनी
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग की सामान्य शिक्षा संवर्ग (समूह ख) के पदों पर खंड शिक्षाधिकारियों (समूह ग) को 17 से बढ़ाकर 34 फीसदी पदोन्नति कोटा देने की तैयारी का राजकीय शिक्षक संघ ने विरोध किया है। संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इसमें हस्तक्षेप की मांग की है। विरोध में कलम बंद हड़ताल और न्यायालय जाने की चेतावनी भी दी है।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सामान्य शिक्षा संवर्ग (समूह ख) की पदोन्नति नियमावली 1992 में उपविद्यालय निरीक्षक (डीआई) का पदोन्नति कोटा 17 फीसदी था तथा वे 3 साल का पढ़ाई का अनुभव रखते थे। वर्तमान में डीआई का पद मृत घोषित कर दिया गया है। खंड शिक्षाधिकारियों के पास 3 वर्ष का पढ़ाई का अनुभव नहीं है, अर्थात उनके पास आवश्यक योग्यता भी नहीं है।
उन्होंने कहा है कि पूर्व में एसडीआई और डीआई की संख्या करीब 1368 थी तब पदोन्नति कोटा 17 फीसदी था। अब इनकी संख्या कम होकर 1031 हो गई है। इसलिए पदोन्नति कोटा बढ़ाना असांविधानिक व नियम विरुद्ध है। खंड शिक्षाधिकारी का पद (समूह ग) का है तथा इनका ग्रेड पे 4800 का है। जबकि डीआई समूह ख 5400 ग्रेड पे का पद है। जिसकी पदोन्नति सामान्य शिक्षा संवर्ग समूह ख के पद पर होती थी। खंड शिक्षाधिकारी समूह ग व अधीनस्थ राजपत्रित प्रधानाध्यापक (समूह ख) का पद है। समूह ख से समूह ख में पदोन्नति होती है। समूह ग से समूह ख में पदोन्नति नहीं होती है।
ऐसे में विभाग मनमानी कर रहा है। उन्होंने मांग की कि राजकीय शिक्षकों-शिक्षिकाओं का पदोन्नति कोटा क्रमशः 61 फीसदी पुरुष व 22 फीसदी महिला था। इसको 50-50 फीसदी किया जाए। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के अधिकारी जानबूझकर नियम विरुद्ध राजकीय शिक्षकों की पदोन्नति कोटा कम करते हुए खंड शिक्षाधिकारियों का पदोन्नति कोटा बढ़ा रहे हैं।
संघ की प्रांतीय महामंत्री छाया शुक्ला ने कहा है कि इस पर रोक न लगने पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक 1 जुलाई से पूरे प्रदेश में कलम बंद हड़ताल करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व माध्यमिक शिक्षा विभाग की होगी। कहा, संघ इसे लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ने को तैयार है।
No comments:
Write comments