DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, June 20, 2025

अनदेखी से घटते गए छात्र, अब वजूद मिटाने की तैयारी, 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का आदेश

अनदेखी से घटते गए छात्र, अब वजूद मिटाने की तैयारी, 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का आदेश


लखनऊ । शासन ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का आदेश जारी किया है। इस फेहरिस्त में राजधानी के भी तमाम स्कूल हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की अनदेखी से इनका अस्तित्व ही खत्म हो गया। कुछ साल पहले तक इन स्कूलों में 100 से अधिक स्टूडेंट थे, लेकिन किराए की जर्जर होती इमारतों, व्यवस्था की कमी और एकल शिक्षकों के कारण छात्र घटते गए और स्कूलों के बंद होने की नौबत आ गई।

अफसरों का तर्क है कि बेहतर सुविधाओं के लिए स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है, लेकिन शिक्षक संगठन विभागीय मंशा पर ही सवाल उठा रहे हैं। संगठनों का कहना है कि विभाग स्कूलों में न ही शिक्षकों की नियुक्ति करना चाहता है और न ही स्कूलों के भवन पर बजट खर्च करना चाहता है।


उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ लखनऊ के नगर अध्यक्ष संदीप सिंह का कहना है कि नगर क्षेत्र के स्कूलों की हालत सबसे खराब है। जोन एक, जोन दो और जोन तीन में कई स्कूल पहले से ही दूसरे स्कूल में शिफ्ट किए जा चुके हैं। ज्यादातर स्कूल किराए की जर्जर इमारतों में एकल शिक्षक के सहारे थे। इन दिक्कतों के कारण छात्र घटते गए, लेकिन इस जानकारी के बावजूद कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। अब सीधे मर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया है।


शिक्षक संगठनों में नाराजगी : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय का कहना है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत गांव-गांव में स्कूल खोले गए थे। अब इन स्कूलों को बंद करना न छात्रों के साथ शिक्षकों और अभिभावकों के अधिकारों का भी हनन है। स्कूलों को मर्ज करने का आदेश वापस न लिया गया तो संघ आंदोलन करेगा।


खत्म हो गया वजूद

1. जोन-3 का रानीगंज प्राथमिक विद्यालय किराए की बिल्डिंग में था। यहां पीएस रस्सीबटान की शिक्षामित्र अजरा सिद्दीकी अटैच थीं। बीते दिनों यह स्कूल फतेहगंज प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया और शिक्षामित्र को मूल विद्यालय भेज दिया गया। इस तरह रानीगंज प्राथमिक विद्यालय बंद हो गया।

2. जोन-3 में ही प्राथमिक विद्यालय कंधारी बाजार की बिल्डिंग अरसे से जर्जर थी। स्कूल न पंखे थे, न ही पीने के पानी का इंतजाम था। यहां पिछले साल तक आठ बच्चे थे। मौजूदा वक्त में दो स्टूडेंट हैं। शिक्षकों की कमी और विभाग की अनदेखी के कारण अब यह स्कूल घसियारी मंडी प्राथमिक विद्यालय में चल रहा है।

3. जोन-1 का प्राथमिक विद्यालय प्रेमवतीनगर किराए की बिल्डिंग में था। यहां सिर्फ शिक्षक की तैनाती थी। साल 2023 में 30 से कम छात्र संख्या के आधार पर यह स्कूल हिंदनगर प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया। इसके साथ यहां तैनात रहे सहायक अध्यापक अखिलेश कुमार शर्मा को पंडितखेड़ा स्कूल भेज दिया गया।

No comments:
Write comments