इस साल से स्नातक में अप्रेंटिसशिप अनिवार्य, यूजीसी ने रोजगार से जोड़ने को पहली अप्रेंटिसशिप गाइडलाइन बनाई
नई दिल्ली। देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इस साल से स्नातक में अप्रेंटिसशिप अनिवार्य होगी। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ रोजगार से जोड़ा जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक कार्यक्रम में सभी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इसे लागू करना होगा। इसमें छात्रों को इंडस्ट्री के अनुरूप रोजगार का प्रशिक्षण मिलेगा। इसके अलावा संस्थान और इंडस्ट्री के बीच तालमेल बढ़ाने और कौशल के अंतर को दूर करने पर काम होगा।
तीन महीने की अप्रेंटिसशिप में दस क्रेडिट मिलेंगे
तीन वर्षीय डिग्री में एक से तीन सेमेस्टर और चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम में दो से चार सेमेस्टर अप्रेंटिसशिप के रहेंगे। अप्रेंटिसशिप में छात्रो को 10 क्रेडिट भी मिलेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की उच्चस्तरीय समिति ने अप्रेंटिसशिप गाइडलाइन तैयार की है।
दिशानिर्देश के तहत उच्च शिक्षण। संस्थानों, इंडस्ट्री और छात्रों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता होगा। इसमें तीनों कीजिम्मेदारियां तय होंगी। उच्च शिक्षण संस्थानों को आजादी होगी कि वे इंडस्ट्री में मौजूद सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर अप्रेंटिसशिप की सीट तय कर सकेंगे।
संस्थानों को अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के लिए नेशनल अप्रेंटिसिशप ट्रेनिंग स्कीम के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इंडस्ट्री के साथ एईडीपी प्रोग्राम ऑफर करने पर इंडस्ट्री स्टाइपेंड देगी। जबकि एनएटीएस पर रजिस्ट्रेशन करने पर केंद्र सरकार से स्टाइपेंड मिलेगा।
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