DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, June 23, 2025

सरकार की सख्ती के बावजूद गरीब बच्चों को पढ़ाने में निजी स्कूल उदासीन, RTI अंतर्गत हुए मात्र 1.30 लाख प्रवेश

सरकार की सख्ती के बावजूद गरीब बच्चों को पढ़ाने में निजी स्कूल उदासीन, RTI अंतर्गत हुए मात्र 1.30 लाख प्रवेश

प्रयागराज में 3,862 सीटों पर होना था प्रवेश, लिए सिर्फ 2607

गोंडा में सबसे अधिक 94 एवं फिरोजाबाद में 93 प्रतिशत प्रवेश

23 जून 2025
प्रयागराजः शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त प्रवेश देने में निजी स्कूलों ने सरकार का साथ नहीं दिया। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की सख्ती के बावजूद छह लाख में से 1.30 लाख सीटों पर ही प्रवेश हो पाए हैं। कुल सीटों में से अब तक 22 प्रतिशत सीटों पर ही प्रवेश हुआ है। इस वर्ष आवंटित की गईं 1,85,675 सीटों में से भी 55,401 सीटें अभी नहीं भर पाईं हैं। ऐसे में आवंटित सीटों में से भी 30 प्रतिशत सीटें अभी रिक्त हैं। कम प्रवेश वाले जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) से जवाब मांगा गया है।

आरटीई में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की बात करें तो गोंडा 94, फिरोजाबाद 93, प्रतापगढ़ व ललितपुर 92, श्रावस्ती व हरदोई  91 प्रतिशत प्रवेश लिए गए हैं। मुरादाबाद 67, कानपुर में 52, मेरठ में 47 और गाजियाबाद में 48 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश नहीं लिए गए। कन्नौज में 41, गोरखपुर में 38, गौतमबुद्ध नगर में 37, कानपुर देहात व वाराणसी में 35 प्रतिशत, अयोध्या, बलिया में 34 प्रतिशत सीटें रिक्त हैं। प्रयागराज में 67.50 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश लिए गए हैं।

कुल चार चरणों में आरटीई के तहत आवेदन मांगे गए थे। पहला चरण एक से 19 दिसंबर, दूसरा एक जनवरी से 19 जनवरी, तीसरा एक फरवरी से 19 फरवरी और चौथा चरण एक मार्च से 19 मार्च तक चला।



RTI Admission : 55 हजार बच्चों के नहीं हुए दाखिले, होगी सख्ती, बेसिक शिक्षा निदेशालय जारी कर रहा विद्यालयों को नोटिस, देखें टॉप टेन और फिसड्डी टेन जिलों का नाम  

1.85 लाख आवंटित सीटों पर 1.30 लाख का ही हुआ प्रवेश

22 जून 2025
लखनऊ। निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रदेश में अब भी 55 हजार छात्रों का प्रवेश नहीं हुआ है। जिलों के बाद अब बेसिक शिक्षा निदेशालय प्रवेश न देने वाले निजी स्कूलों पर सख्ती करेगा। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों को नोटिस जारी कर प्रवेश न लेने का कारण पूछा जाए। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।


इस बार चार चरणों में की गई आवेदन प्रक्रिया में 1.85 लाख बच्चों को सीटें अलॉट की गईं। इसमें से अब तक 1.30 लाख बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित हुआ है। जबकि 55 हजार बच्चों के प्रवेश अभी भी नहीं हुए हैं।

एक जुलाई से नए सत्र में पढ़ाई शुरू होगी। इससे पहले अब निदेशालय की ओर से निजी स्कूलों पर इन बच्चों के प्रवेश के लिए सख्ती की जा रही है। हाल में हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिया गया कि इन स्कूलों से प्रवेश न लेने का कारण पूछा जाएगा। इसमें उचित कारण न मिलने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। जानकारी के अनुसार कुछ जिलों में ऐसे विद्यालयों की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश भी की गई है।


कम प्रवेश वाले दस जिले

मुरादाबाद में 33 फीसदी, गाजियाबाद में 52 फीसदी, मेरठ में 53 फीसदी, महराजगंज में 64 फीसदी, कौशांबी में 64 फीसदी, अयोध्या में 66 फीसदी, गौतमबुद्ध नगर में 63 फीसदी, कानपुर नगर में 48 फीसदी, कानपुर देहात में 65 फीसदी, कन्नौज में 59 फीसदी प्रवेश आवंटित सीटों के सापेक्ष हुए हैं।


बेहतर प्रवेश वाले दस जिले

बहराइच में 90 फीसदी, बलरामपुर में 92 फीसदी, गोंडा में 94 फीसदी, श्रावस्ती में 91 फीसदी, देवरिया में 90 फीसदी, फिरोजाबाद में 93 फीसदी, हरदोई में 91 फीसदी, ललितपुर में 92 फीसदी, प्रतापगढ़ में 92 फीसदी, पीलीभीत में 89 फीसदी प्रवेश आवंटित सीटों के सापेक्ष हुए हैं।

No comments:
Write comments