ब्लैक लिस्टेड फर्म से लिए गए थे पुराने कंप्यूटर, प्रकरण में जांच शुरू होते ही बीएसए कौशाम्बी कार्यालय में मचा हड़कंप
89 लाख से अधिक की खरीदारी में अनियमितता के आरोप का मामला
मंझनपुर। बीएसए पर विभिन्न मदों में 89 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी में अनियमितता के आरोप की जांच शुरू होते ही विभाग में खलबली मच गई है। इसी बीच एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, बीएसए कार्यालय के लिए खरीदे गए कंप्यूटर ब्लैक लिस्टेड फर्म से लिए गए थे। ये मामला बीएसए के गले की फांस बन सकता है।
वर्ष 2023-24 में बीएसए कार्यालय की ओर से लगभग 89 लाख रुपये से अधिक रुपये की खरीदारी की गई थी। 22 प्रकार की खरीदारी हुई थी। खरीदारी में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरने का आरोप लगा है।
चायल के मनौरी निवासी धर्मेंद्र कुमार पुत्र रामकैलाश ने मुख्यमंत्री कार्यालय को हलफनामा भेजकर शिकायत की थी। इसके बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने डीएम से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है।
खरीदारी में एक तथ्य सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बीएसए कार्यालय के लिए पुराने कम्प्यूटर की खरीदारी की गई। बीएसए कार्यालय से पहले इन कम्प्यूटरों की सप्लाई जिला अस्पताल में होनी थी, लेकिन जिला अस्पताल की कमेटी ने कम्प्यूटरों की जांच रिपोर्ट एनआईसी से मांगी थी। एनआईसी की जांच में कम्प्यूटर खरे नहीं उतरे थे। इसके बाद फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। इसके बावजूद बीएसए ने इन पुराने कम्प्यूटरों की महंगे दामों पर खरीद करवाई। वह भी डीएम से बिना अनुमति के। कम्प्यूटर के अलावा स्कैनर, आलमारी की खरीदारी में भी अनियमितता का आरोप है। इतना ही नहीं भवन की मरम्मत में भी धांधली का इल्जाम शिकायत कर्ता ने लगाया है।
एडीएम, ट्रेजरी ऑफिसर को मिली है जांच
बीएसए कार्यालय द्वारा की गई खरीदारी के मामले में जांच रिपोर्ट मांगे जाने के बाद से डीएम की निगाह तिरछी हो गई है। डीएम मधुसूदन हुल्गी ने शनिवार को मामले की जांच की जिम्मेदारी एडीएम और ट्रेजरी आफिसर को सौंपी है। दोनों अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट दें।
बीएसए कार्यालय का बर्खास्त डीसी है धर्मेंद्र
बीएसए कमलेंद्र कुशवाहा ने बताया कि शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार विभाग का जिला समन्वयक एमडीएम रह चुका है। शासन व विभाग के विपरीत कार्य करने के आरोप में धर्मेंद्र कुमार को बर्खास्त किया जा चुका है। यही कारण है कि वह मेरी छवि धूमिल करने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगा रहा है। जल्द ही पूर्व डीसी के खिलाफ वह कार्रवाई कराएंगे।
खरीदारी में नियमों के उल्लंघन पर कौशांबी के बीएसए पर 89 लाख की गड़बड़ी का आरोप, शासन के निर्देश पर महानिदेशक ने डीएम से मांगी जांच रिपोर्ट
कौशांबी में बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में 89 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। मोहम्मदपुर मनौरी निवासी धर्मेंद्र कुमार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रमुख सचिव और स्कूल शिक्षा महानिदेशक को हलफनामे के साथ शिकायती पत्र भेजा है। शिकायत के बाद शासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के निर्देश दिए हैं।
22 मदों में नियमों की अनदेखी का आरोप
शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभागीय कार्यालय द्वारा 22 अलग-अलग मदों में खरीद की गई। इन मदों में एसी, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, बैटरी सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक व कार्यालय उपकरण शामिल हैं। धर्मेंद्र का आरोप है कि इन सभी खरीदों में तय मानकों और वित्तीय नियमों का उल्लंघन हुआ है।
डीएम से मांगी गई रिपोर्ट
शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक ने जिलाधिकारी कौशाम्बी से पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। वहीं, इस बीच बीएसए कार्यालय में सभी दस्तावेजों की दोबारा जांच शुरू कर दी गई है।
बीएसए ने आरोपों को बताया निराधार
बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेंद्रु कुशवाहा ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार पूर्व में कार्यालय में समन्वयक पद पर कार्यरत थे। उन पर पहले से ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके चलते जिलाधिकारी ने 25 जनवरी को उनकी सेवा समाप्त कर दी थी।
बीएसए कुशवाहा का कहना है कि धर्मेंद्र अब निजी रंजिश के चलते झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कहा, “सभी खरीद नियमों के तहत हुई हैं, रिकॉर्ड पूरी तरह पारदर्शी हैं, जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी”
खरीदारी में अनियमितता की शिकायत की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेज दी जाएगी। यदि अनियमितता मिली तो कारवाई कराएंगे। – मधुसुदन हुलगी, जिलाधिकारी
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