मुख्यमंत्री की सख्त चेतावनी के बाद हरकत में आया बेसिक शिक्षा विभाग, स्कूलों के जर्जर भवनों के विरुद्ध अभियान तेज
किसी भवन के गिरने की सूचना पर संबंधित अफसर पर कार्रवाई की जाएगी
बच्चों की सुरक्षा पर दिया गया ध्यान
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों का चिह्नांकन, सत्यापन, मूल्यांकन और ध्वस्तीकरण का अभियान तेज कर दिया है। बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए विभाग ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि वे जर्जर ढांचों को लेकर 'सुरक्षा, जवाबदेही और त्वरित कार्रवाई पर ध्यान केन्द्रित करें।
इस संबंध में शासन ने भी स्पष्ट कर दिया गया है कि बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी जर्जर भवन के गिरने या किसी प्रकार की दुर्घटना की सूचना मिलती है, तो संबंधित अधिकारी को सीधे उत्तरदायी मानते हुए उसके विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
विभिन्न जिलों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर जर्जर भवनों की स्थिति को देखते हुए प्रत्येक जिले में जर्जर ढाँचों का तत्काल चिह्नांकन कर तकनीकी समिति को सत्यापन एवं मूल्यांकन के लिए सूची सौंपी जाएगी। यह कार्य समयबद्धता के साथ सुनिश्चित कराना संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। पूर्व में चिह्नित ढांचों के भी आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
बेसिक शिक्षा विभाग की निर्माण युनिट के विशेषज्ञ श्यामकिशोर तिवारी के अनुसारकई विद्यालय परिसरों में अब भी ऐसे ढांचे मौजूद हैं जो अत्यंत जर्जर हो चुके हैं। शासन के निर्देश का पालन करते हुए जर्जर ढांचे चिह्नित किए जाएं वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छतों की सफाई, जल निकासी के निर्देश
विद्यालय भवनों की छतों पर जलजमाव, पत्तों और कचरे के कारण सीलन की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे भवन क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में पंचायत के माध्यम से छतों की नियमित साफ सफाई और जलनिकासी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
नए सिरे से सर्वे कर सरकार जर्जर परिषदीय स्कूल भवनों की करेगी पहचान
लखनऊ: जर्जर स्कूल भवनों के कायाकल्प के बारे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि बरसात के बाद संबंधित विद्यालयों की मरम्मत और नए सिरे से निर्माण के कार्य को तेजी से शुरू किया जाएगा ताकि सभी कार्य अगले वर्ष मार्च तक पूरे हो जाएं। नए सिरे से सर्वे कर और भी जर्जर स्कूल भवनों की पहचान की जा रही है ताकि कोई जीर्ण-शीर्ण भवन छूट न जाए।
जिन भवनों को तकनीकी समिति द्वारा जर्जर घोषित कर दिया जाता है उसमें किसी भी तरह की शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो सकती। बच्चों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक कक्ष, पंचायत भवन, ग्राम सचिवालय जैसे सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में लगभग 1.32 लाख परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। पिछले पांच वर्षों में बेसिक शिक्षा विभाग ने 8,128 विद्यालयों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कराया है।
बाढ़ से प्रति वर्ष ढह जाते हैं आठ से 10 स्कूल
प्रदेश के बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रति वर्ष आठ से 10 स्कूल ढह जाते हैं। इस बार भी बलिया जिले के कई विद्यालयों को नुकसान पहुंचा है। बारिश के मौसम में छतों पर पानी भरने, पत्ते जमने और जलनिकासी की कमी से भवनों में सीलन व क्षरण की समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए नगर व ग्राम पंचायतों को स्कूलों में नियमित सफाई और जलनिकासी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। जो भवन पूरी तरह से अनुपयोगी हैं, उन्हें 'निष्प्रयोज्य' घोषित कर सील करने के निर्देश दिए गए हैं।
बारिश ने रोकी स्कूलों के सर्वे की प्रक्रिया
प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने परिषदीय स्कूलों के पुनर्गठन की योजना पर रोक लगा दी है। कई जिलों में विद्यालयों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे खंड शिक्षा अधिकारी तय समय पर विद्यालयों का भौतिक सत्यापन नहीं करा पा रहे हैं। स्कूलों के विलय और विलग होने की प्रक्रिया इस वजह से बाधित हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश में 10,684 परिषदीय विद्यालयों का अन्य विद्यालयों में विलय किया है।
लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय स्कूलों के भवनों और सुविधाओं की बदहाली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती करते हुए सभी डीएम और बीएसए को स्कूलों के भवनों का भौतिक सत्यापन कर व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने दोनों अधिकारियों को मौके पर जाकर स्कूलों के हालात देखने को भी कहा है।
राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल का भवन गिरने से हुई बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्कूलों की सुरक्षा व सुविधाओं का ऑडिट करने का निर्देश दिया था। इसके मद्देनजर स्कूलों की स्थिति को लेकर अभियान चलाया था। मुख्यमंत्री ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में डीएम और बीएसए को मौके पर जाकर स्कूलों के हालात देखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की स्थिति की सघन समीक्षा कराने के साथ ही विद्यालयों के जर्जर भवनों को तत्काल दुरुस्त कराने, सफाई और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं।
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