शिक्षामित्रों ने फिर मानदेय बढ़ाने और आयुष्मान कार्ड की मांग की
लखनऊ : प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों ने एक बार फिर मानदेय बढ़ाने और आयुष्मान भारत योजना की सुविधा दिए जाने की मांग दोहराई है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की ओर से इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा गया है ताकि उन्हें अपनी समस्याएं बताई जा सकें।
संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने बताया कि करीब 1.43 लाख शिक्षामित्र वर्षों से विद्यालयों में कार्यरत हैं, लेकिन बीते आठ वर्षों से उनके मानदेय में एक भी रुपया नहीं बढ़ाया गया है। लगातार मांग और आंदोलनों के बावजूद सरकार ने सिर्फ आश्वासन दिए हैं, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। महंगाई लगातार बढ़ रही है, ऐसे में इतने कम मानदेय में गुजारा करना मुश्किल होता जा रहा है।
संघ पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले घोषणा की थी कि शिक्षामित्रों को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा सुविधा दी जाएगी, लेकिन अब तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ।
शिक्षामित्रों की मांगों पर नहीं हो रहा काम, संगठन हैरान, सीएम योगी से मुलाकात के लिए समय देने की मांग
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1.43 लाख शिक्षामित्रों का पिछले कई साल से मानदेय नहीं बढ़ा है। वह 10 हजार रुपये में कैसे अपना परिवार चलाएं। इसके लिए उनके द्वारा सरकार, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के सामने कई बार मुद्दा उठाया गया। किंतु उनको सिर्फ आश्वासन ही मिला.
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने कहा है कि छह महीने से मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उनके सामने अपनी समस्या रख सकें। किंतु इसके लिए भी समय नहीं मिल पाया है। संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि दिन-प्रतिदिन शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।
अधिकांश शिक्षामित्र बीमारियों से जूझ रहे हैं। पूर्व में शिक्षामित्रों को आयुष्मान कार्ड से आच्छादित करने की घोषणा की गई थी। किंतु अभी तक उस पर विभागीय कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसी तरह शेष शिक्षामित्रों की मूल विद्यालय वापसी की प्रक्रिया भी नहीं शुरू हो पाई है।
उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि सीएम संगठन के पदाधिकारियों को मिलने के लिए समय दें। साथ ही मानदेय वृद्धि व आयुष्मान कार्ड का लाभ जल्द देने के लिए निर्देश जारी करें। ताकि शिक्षामित्र अपना और परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
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