नियुक्ति से ही शून्य मानी जाएगी जाली दस्तावेज से मिली नौकरी, हाईकोर्ट ने नियुक्ति रद्द कर वेतन वसूली के बीएसए के आदेश को वैध बताया
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जाली दस्तावेज के आधार पर सरकारी नौकरी पाता है तो उसकी नियुक्ति से ही शून्य मानी जाएगी। ऐसे में उसे प्राप्त धनराशि वापस करनी होगी। साथ ही वह अन्य लाभों पर भी कोई कानूनी दावा नहीं कर सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कमलेश कुमार निरंकारी की याचिका पर दिया है।
बलिया के बेल्थरा रोड तहसील के हल्दीरामपुर गांव निवासी कमलेश एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। शिकायत पर जांच में जाली दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने की पुष्टि होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह अक्तूबर 2022 के आदेश से उनकी नियुक्ति रद्द कर दी। साथ ही वेतन की वसूली का आदेश दिया। याची ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
अधिवक्ता ने दलील दी कि 10 अगस्त 2010 को याची को सहायक शिक्षक नियुक्त किया गया था। उसने सभी शैक्षिक दस्तावेज जमा किए थे लेकिन बिना उचित सुनवाई के नियुक्ति रद्द कर दी गई। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है। उसके पैन कार्ड, आधार कार्ड और शैक्षिक प्रमाणपत्रों में नाम में अंतर था। यह संबंधित प्राधिकारियों की त्रुटि के कारण था। याची ने कोई जालसाजी नहीं की है। कोर्ट ने कहा इस मामले में विस्तृत जांच की जरूरी नहीं है।
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