DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, August 14, 2025

नौवीं कक्षा में किताब खोलकर दे सकेंगे परीक्षा, CBSE ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए ओपन बुक असेसमेंट को दी मंजूरी

नौवीं कक्षा में किताब खोलकर दे सकेंगे परीक्षा, CBSE ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए ओपन बुक असेसमेंट को दी मंजूरी


नई दिल्ली। सीबीएसई के स्कूलों में अब नौवीं कक्षा में विद्यार्थी किताब खोलकर परीक्षा दे सकेंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्ष बोर्ड (सीबीएसई) ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 से स्कूलों को इस तरह परीक्षा लेने की मंजूरी दे दी है। इसे ओपन बुक असेसमेंट कहा जाएगा। हालांकि बोर्ड ने इसे अनिवार्य नहीं किया है और इसे लागू करने का फैसला स्कूलों पर छोड़ा गया है।

सीबीएसई की पाठ्यचर्या समिति ने ओपन बुक असेसमेंट का प्रस्ताव दिया था। बोर्ड इस असेसमेंट का फ्रेमवर्क, यानी परीक्षा कैसे ली जाए, तैयार कर स्कूलों को भेजेगा। इसके तहत साल में तीन बार परीक्षा होगी, जिसमें भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषय शामिल होंगे। 

बोर्ड को उम्मीद है कि इस पहल से विद्यार्थियों में रटने की जगह समझने की क्षमता विकसित होगी। परीक्षा का तनाव कम होगा और वैचारिक समझ मजबूत होगी। साथ ही, उनके प्रदर्शन में भी सुधार होगा। इसे मंजूर करने से पहले पायलट स्टडी कराई गई थी। इसमें छात्रों के प्रदर्शन का बारीकी से विश्लेषण किया गया। छात्रों को अलग-अलग विषय दिए गए थे। इसमें विद्यार्थियों का परिणाम 12 से 47 फीसदी तक रहा और उनकी सोचने और सवाल हल करने की क्षमता में सुधार देखने को मिला। इस वर्ष बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की जून में हुई बैठक में इन सिफारिशों को मंजूर किया गया। 


यह है ओपन बुक टेस्ट... स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफएसई) के अनुसार ओपन बुक टेस्ट वह होता है जिसमें विद्यार्थियों को प्रश्नों के उत्तर देते समय संसाधनों और संदर्भों जैसे, पाठ्यपुस्तकें, नोट्स तक पहुंच दी जाती है।




अगले वर्ष से किताब के साथ परीक्षा दे सकेंगे नौवीं के छात्र,  CBSE ने ओपन बुक असेसमेंट को दी मंजूरी


ओपन बुक प्रणाली का उद्देश्य परीक्षा के तनाव को कम करना

योग्यता-आधारित शिक्षा को बढ़ावा, रटने की जरूरत खत्म


नई दिल्ली ।  अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2026-27 से कक्षा नौवीं के सीबीएसई छात्र खुली किताब लेकर परीक्षा दे सकेंगे। छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करने के मकसद से सीबीएसई अगले सत्र से ओपन बुक असेसमेंट (ओबीए) योजना शुरू करने जा रहा है। इससे छात्रों में रटने की जरूरत नहीं रह जाएगी और वे योग्यता-आधारित शिक्षा ले सकेंगे।


पाठ्यक्रम समिति और शासी निकाय के प्रस्ताव के मुताबिक हर सत्र में तीन प्रमुख विषयों, भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिखित पेपर में खुली किताब लेकर बच्चे परीक्षा दे सकेंगे। शासी निकाय ने जून में हुई बैठक में ये निर्णय लिया था। यह निर्णय एक पायलट स्टडी पर आधारित है जिसमें अतिरिक्त पठन सामग्री को शामिल नहीं किया गया और पाठ्यक्रम से संबंधित विषयों का परीक्षण किया गया। इसमें छात्रों को 12 प्रतिशत से लेकर 47 प्रतिशत के बीच अंक प्राप्त हुए। इससे संसाधनों के प्रभावी उपयोग और अंतःविषय अवधारणाओं को समझने में आने वाली चुनौतियों का पता चला। 


गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, सीबीएसई सैंपल पेपर भी तैयार करेगा और छात्रों को संदर्भ सामग्री को समझने के लिए मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। बोर्ड को उम्मीद है कि इस पहल से परीक्षा का तनाव कम होगा और वैचारिक समझ मजबूत होगी। साथ ही ज्ञान के व्यावहारिक प्रयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इस ढांचे की स्कूलों को सिफारिश की जाएगी, लेकिन इसका कार्यान्वयन अनिवार्य नहीं होगा।


स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफएसई) के अनुसार ओपन-बुक टेस्ट वह होता है जिसमें छात्रों को प्रश्नों के उत्तर देते समय संसाधनों और संदर्भों (जैसे, पाठ्यपुस्तकें, कक्षा नोट्स, पुस्तकालय की पुस्तकें) तक पहुंच प्राप्त होती है। ये परीक्षण उपलब्ध जानकारी को संसाधित करने या उसका उपयोग करने और उसे विभिन्न संदर्भों में लागू करने की क्षमता का आकलन करते हैं। ये परीक्षण रटने की पद्धति से ध्यान हटाकर एप्लीकेशन और सिंथेसिस पर केंद्रित करते हैं।'

No comments:
Write comments