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Sunday, August 10, 2025

सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति को बताया अनिवार्य

सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति को बताया अनिवार्य 


बिना जानकारी के अनुपस्थित होने पर छात्र माना जाएगा डमी परीक्षार्थी, CBSE ऐसे छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं देगा, देखें जारी दिशा निर्देश 


स्कूलों को दिए निर्देश

उपस्थिति रजिस्टर रोजाना अपडेट हो और संबंधित शिक्षक व स्कूल प्रशासन द्वारा हस्ताक्षरित हो।

रजिस्टर निरीक्षण के लिए तैयार रखा जाए।

सीबीएसई की ओर से कभी भी आकस्मिक निरीक्षण किया जा सकता है।

यदि पाया गया कि रिकार्ड अधूरा है या विद्यार्थी नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं, तो उस स्कूल की मान्यता रद की जा सकती है और विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।


नई दिल्ली। यदि कोई छात्र बिना जानकारी व आवेदन के अनुपस्थित रहेगा तो माना जाएगा कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहा है। उसे अनुपस्थित-डमी परीक्षार्थी मानते हुए बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं-बारहवीं के छात्रों की उपस्थिति के संबंध में स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें बोर्ड ने दोहराया है कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है। बोर्ड ने दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया है कि स्कूल छात्रों की उपस्थिति पर निगरानी रखेंगे।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड समय समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण कर रहा है। निरीक्षण में बोर्ड को कई छात्र अनुपस्थित मिले हैं। ऐसे में बोर्ड ने स्कूल संचालकों व प्रिंसिपल को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड ने कहा है कि यदि औचक निरीक्षण के समय यह पाया जाता है कि छात्र उचित अवकाश रिकॉर्ड के बिना अनुपस्थित हैं तो यह माना जाएगा कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें अनुपस्थित-डमी परीक्षार्थी माना सकता है। सीबीएसई ऐसे छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं देगा।


सीबीएसई करेगा औचक निरीक्षण, कमी मिलने पर मान्यता हो सकती है रद्द

बोर्ड केवल चिकित्सा आपात स्थिति, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी और आपातकालीन मामलों में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान करता है। यह छूट तभी दी जाती है जब इसके लिए छात्र ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए हों। बोर्ड ने स्कूलों को उपस्थिति रजिस्टर को प्रतिदिन अपडेट करने को कहा है। बोर्ड औचक निरीक्षण के समय रिकॉर्ड की भी जांच करेगा। यदि रिकॉर्ड अधूरे मिले या छात्र नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रहे हैं, तो स्कूल को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसके तहत स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है।


उपस्थिति कम होने पर स्कूल अभिभावकों को पत्र, ईमेल, स्पीड पोस्ट से सूचित करेंगे
बोर्ड ने स्कूलों को स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र चिकित्सा आपात स्थिति के कारण अवकाश लेता है तो उसे वैध मेडिकल दस्तावेजों जमा करने होंगे और अगर अन्य कारण से अवकाश लेता है तो लिखित में वैध कारणों के संबंध में स्कूल को जानकारी देना अनिवार्य है। यदि किसी छात्र की उपस्थिति कम है तो इसके संबंध में स्कूल अभिभावकों को पत्र, ईमेल या स्पीड पोस्ट के माध्यम से सूचित करेंगे।



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