कमज़ोर तबका शिक्षा से वंचित किया जा रहा– विपक्ष का आरोप, सरकार बोली – बच्चों की बेहतरी के लिए हो रहा मर्जर, विधान परिषद में हंगामा
सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा विधायकों ने किया वॉक आउट
लखनऊ । शिक्षा के गिरते स्तर और बेसिक स्कूलों की पेयरिंग के मुद्दे पर विधान परिषद में सोमवार को भाजपा और सपा सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। सपा सदस्यों ने कहा कि मधुशालाएं खुल रही है और पाठशालाएं बंद की जा रही है। आरोप लगाया कि सरकार गरीब व कमजोर तबके के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश की जा रही है। उसके बाद सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने वॉक आउट किया।
सोमवार को कार्य स्थगन के तहत सपा ने शिक्षा के गिरते स्तर और बेसिक स्कूलों की पेयरिंग का मुद्दा उठाया। सपा सदस्य मान सिंह ने कहा कि सरकार अपनी खामियां सुगाने के लिए स्कूल मर्जर पेयरिंग और कंपोजिट स्कूल जैसे नए-नए शब्द खोजकर ला रही है। बच्चों की संख्या कम होने की बात कहकर स्कूल बंद किए जा रहे है। अगर कोई बीमारी होती है तो उसका इलाज किया जाता है। मरीज को मारा नहीं जाता। आशुतोष सिन्हा ने कहा कि जिस समाज को कमजोर करना हो, उसे शिक्षा से वंचित कर दिया जाता है। सरकार गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश कर रही है।
लोकसभा में केंद्र सरकार ने ही आंकड़ा दिया है कि 2017-18 से 2023-24 तक 26,040 स्कूल बंद किए गए या मर्ज कर दिए गए। इसके बाद सरकार ने शासनादेश के जरिए 10,827 स्कूल बंद कर दिए। नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी ने कहा कि सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि पहले शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह जर्जर थी। सपा शासन में 3.50 करोड़ बच्चे शिक्षा से दूर थे। अब इन्हें बच्नों के भविष्य की चिंता सता रही है। उन्होंने स्कूलों के मर्जर पर साफ किया कि बच्चों के शिक्षा के अधिकार को छीनने की हमारी मंशा नहीं है। बच्चों की शिक्षा को बेहतर चनाने ग्रुप लर्निंग, पेयर लर्निंग के लिए मर्जर किया गया है। एक किलोमीटर से दूर और 50 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों का मर्जर नहीं होगा। लाल बिहारी ने कहा कि हम जो सवाल कर रहे हैं, उसका जवाब मंत्री नहीं दे रहे। जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य सदन से वॉक आउट कर गए।
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