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Friday, August 29, 2025

प्रदेश में बिना प्रबंधतंत्र के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सुचारू रूप से संचालन के सम्बन्ध में।

एडेड माध्यमिक विद्यालयों के लिए जिले में समिति बनेगी, जहां प्रबंध समिति का कोई सदस्य नहीं वहां प्रभावी शिक्षक कर्मियों के सारे मामले देखेगी समिति


लखनऊ। राज्य सरकार ने एडेड माध्यमिक विद्यालयों के सुचारू रूप से संचालन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत जिन विद्यालयों की प्रबन्ध समिति, साधारण सभा, ट्रस्ट का कोई भी सदस्य या पदाधिकारी जीवित नहीं हैं अथवा विगत पांच वर्ष से अधिक समय से कालातीत हैं और जहाँ शिक्षक कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए एकल संचालन की व्यवस्था प्रभावी है, उनके संचालन के लिए शासनादेश निर्गत किया गया है।

इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेन्द्र देव ने बताया कि 27 अगस्त को जारी शासनादेश के तहत, ऐसे विद्यालयों का संचालन अब संबंधित जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। यह समिति किसी विभागीय अधिकारी (श्रेणी-2 स्तर से ऊपर के) को प्रबन्धक नामित करेगी, जो समिति के प्रति उत्तरदायी होगा। प्रबन्धक का कार्यकाल अधिकतम पांच वर्ष का होगा। 

नए शासनादेश के बाद अब इन विद्यालयों में प्रबन्धकीय कार्य, परिसम्पत्तियों की देखरेख, तथा शिक्षकों-कर्मचारियों की सेवा संबंधी समस्त प्रकरण जैसे अवकाश, जीपीएफ, पेंशन, चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति, अधियाचन के माध्यम से क्रियान्वित किए जाएंगे।



निष्क्रिय प्रबंध समिति वाले एडेड कॉलेजों का कामकाज देखेगी डीएम की कमेटी

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों जिनकी प्रबंध समिति पांच साल से अधिक से निष्क्रिय हैं अथवा प्रबंध समिति, साधारण सभा, ट्रस्ट के सदस्य-पदाधिकारी जीवित नहीं हैं। ऐसे कॉलेजों का कामकाज डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी देखेगी। यह सिर्फ वेतन ही नहीं अन्य विकास कार्य व सहयोगी अनुदान से जुड़े निर्णय भी लेगी। 

माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र की ओर जारी शासनादेश में कहा गया है कि इसे लेकर पूर्व में जारी आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है। इसमें एडेड माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंध समिति, साधारण सभा, ट्रस्ट के सदस्य-पदाधिकारी के जीविन न होने के साथ ही पांच साल से अधिक से प्रबंध समिति के कालातीत होने और शिक्षक-कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए एकल संचालन व्यवस्था प्रभावी होने को भी जोड़ा गया है। 



प्रदेश में बिना प्रबंधतंत्र के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सुचारू रूप से संचालन के सम्बन्ध में।


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