कक्षा तीसरी और चौथी के छात्र पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा तीसरी और चौथी के छात्र भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के बारे में पढ़ेंगे। केंद्र सरकार भविष्य में रोजगार में बदलाव और वैश्विक मांग को देखते हुए युवाओं को (एनईपी) 2020 के तहत इसी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पहली बार कक्षा पांचवीं की हिंदी की पाठ्यपुस्तक 'वीणा' में एआई को शामिल किया गया है, जबकि छठीं से 12वीं कक्षा में पहले से ही छात्र एआई की पढ़ाई कर रहे हैं।
स्कूली शिक्षा से ही एक्सपर्ट बनाएगी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति
भारत सरकार के स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा, भविष्य की मांग के आधार पर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए तैयार करना होगा। इसमें एआई सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि एआई के कारण रोजगार में बदलाव आएगा। हमें तेजी से काम करने की जरूरत है। इसके लिए छात्रों और शिक्षकों को तकनीक से जोड़ना होगा। सबसे बड़ी चुनौती देशभर के एक करोड़ से अधिक शिक्षकों तक पहुंचने और उन्हें एआई आधारित शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित करने की होगी। क्योंकि दूरदराज व ग्रामीण इलाकों के शिक्षकों को भी एआई मुहिम से जोड़ना जरूरी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई बोर्ड) चरणबद्ध तरीके से स्कूली शिक्षा के सभी छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जोड़ रहा है। फिलहाल, बोर्ड के मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा पांचवीं से 12वीं तक के छात्र पहले से ही एआई की पढ़ाई कर रहे हैं।
स्कूलों से एआई इकोसिस्टम विकसित करना होगा : नीति आयोग
दरअसल, नीति आयोग ने पिछले दिनों 'एआई और रोजगार' रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया है कि आने वाले सालों एआई और नौकरियों में बदलाव के कारण करीब 20 लाख पारंपरिक नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। लेकिन, सही इकोसिस्टम विकसित करने पर नए जमाने की 80 लाख नई नौकरियां तैयार भी होंगी। इसलिए केंद्र सरकार एआई को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी छात्रों तक पहुंचाने की योजना बनाई है।
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