भ्रष्टाचार में 15 BEO अब तक निलंबित, 40 जिलों के 60-65 अफसरों पर लगा गंभीर आरोप, मुख्यमंत्री कार्यालय तक मामला पहुंचने पर विभाग ने बैठाई जांच
प्रयागराज। भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की शिकायत पर जांच में लिप्त मिलने पर प्रयागराज और भदोही समेत 15 खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) निलंबित कर दिए गए। वहीं, रायबरेली, हाथरस, वाराणसी, अलीगढ़, जौनपुर, कौशाम्बी, उन्नाव, मेरठ, बांदा, मिर्जापुर, लखनऊ, मुरादाबाद सहित 40 जिलों के 60-65 अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के मामले बेसिक शिक्षा मंत्री, निदेशालय, शासन और मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने पर विभाग ने जांच बैठा दी है।
प्रदेश में 1031 स्वीकृत पदों में से 900 पदों पर खंड शिक्षा अधिकारी तैनात हैं। कंपोजिट ग्रांट की मंजूरी, अवकाश स्वीकृति, विद्यालय निरीक्षण और उपस्थिति जांच के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें आई हैं। आरोप है कि कई खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को अनुपस्थित दिखाकर पैसों की मांग करते थे। इतना ही नहीं, विना मान्यता वाले स्कूलों से भी महीना वसूली करने के आरोप सामने आए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने जांच शुरू कर दी है।
मई में प्रयागराज के उरुवा ब्लॉक के बीईओ राजेश यादव को अनुशासनहीनता और अवैध वसूली के आरोप में निलंबित किया गया। इसी तरह भदोही के बीईओ रमाकांत सिंह सिंगरौल को महिला शिक्षकों के सीसीएल (बाल देखभाल अवकाश) के नाम पर वसूली करने के आरोप में निलंबन झेलना पड़ा। इन्हें अक्तूबर में निलंबित किया गया। मामले की जांच एडी बेसिक प्रयागराज को सौंपी गई है।
केस-1
लखीमपुर खीरी में तैनात एक खंड शिक्षा अधिकारी पर शिक्षकों से वसूली करने की शिकायत हुई है। मामले की जांच लखनऊ के डायट प्राचार्य को सौंपी गई है।
केस-2
लखनऊ के मोहनलालगंज में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी पर प्रबंधक महिला बाल कल्याण समिति ने शिक्षकों की जीपीएफ पत्रावली गायब करने का आरोप लगाया है। मामले में विभागीय जांच जेडी लखनऊ को सौंपी गई है।
शिकायतों का संज्ञान लिया गया है। जांच में दोषी मिलने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। अब तक 15 अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। - ब्रजेश मिश्र, उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)
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